UPSC : जकात फाउंडेशन की मदद से 18 अभ्यर्थी बने अफसर

लखनऊ : संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा के घोषित हुए परिणाम में जकात फाउंडेशन की मदद से 18 अभ्यर्थी कामयाब हुए हैं. इनमें तीसरे पायदान पर रहे जुनैद अहमद भी शामिल हैं. फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष जफर महमूद ने बताया कि उनके संस्थान की मदद से इस बार 18 अभ्यर्थी यूपीएससी की परीक्षा में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 6, 2019 12:21 PM

लखनऊ : संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा के घोषित हुए परिणाम में जकात फाउंडेशन की मदद से 18 अभ्यर्थी कामयाब हुए हैं. इनमें तीसरे पायदान पर रहे जुनैद अहमद भी शामिल हैं. फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष जफर महमूद ने बताया कि उनके संस्थान की मदद से इस बार 18 अभ्यर्थी यूपीएससी की परीक्षा में कामयाब हुए हैं. इनमें तीसरे स्थान पर रहे उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के जुनैद अहमद भी शामिल हैं. कुल कामयाब अभ्यर्थियों में से 16 मुस्लिम और 2 ईसाई हैं.

उन्होंने बताया कि पिछले नौ साल के दौरान अब तक फाउंडेशन की मदद से 121 अभ्यर्थी देश की इस सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में सफल हो चुके हैं. इस साल सफल हुए 800 अभ्यर्थियों में से मुस्लिम अभ्यर्थियों की संख्या मात्र 29 होने के बारे में पूछे जाने पर महमूद ने कहा कि मुस्लिम समाज में जागरूकता की कमी ही इसका सबसे बड़ा कारण है.

उन्होंने कहा कि मुस्लिम परिवारों में बुजुर्ग लोगों की तरफ से बच्चों को आईएएस जैसी परीक्षा में शामिल होने का वह हौसला नहीं मिल पाता है, जिसकी जरूरत है. कौम के बड़े-बुजुर्गों खासकर धर्मगुरुओं और मस्जिदों के इमामों को इस तरफ बहुत काम करने की जरूरत है. इसके अलावा और कोई बाधा नहीं है.

जकात फाउंडेशन के जरिये यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कराये जाने की प्रक्रिया के बारे में महमूद ने बताया कि हर साल जनवरी में ऑनलाइन आवेदन मांगे जाते हैं. वैसे तो हर साल यह अप्रैल तक मांगे जाते हैं, लेकिन इस साल मई में रमजान होने की वजह से इसकी मियाद जून तक रखी गयी है.

उन्होंने बताया आवेदन मिलने के बाद फाउंडेशन के पैमानों पर उनका आकलन करके संबंधित अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा में बुलाया जाता है. इस परीक्षा में पास हुए अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है, जिसमें चयनित होने के बाद उन सभी को दिल्ली में बुलाकर बेहतरीन कोचिंग दी जाती है और उन पर होने वाला पूरा खर्च जकात फाउंडेशन उठाता है.

उन्होंने बताया कि सच्चर समिति की सिफारिशों के जरिये देश में मुसलमानों की बदहाली सामने आने के बाद फाउंडेशन ने 9 साल पहले कौम के प्रतिभाशाली बच्चों को यूपीएससी जैसी परीक्षा की तैयारी कराने का बीड़ा उठाया था. इस फाउंडेशन को सभी धर्मों के लोग आर्थिक मदद देते हैं.

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