फ्लाइओवर के लिए 21 साल पुराने मंदिर को 25 फीट खिसकाया गया
नेशनल कंटेंट सेल-बिहार, नेपाल और हरियाणा की टीम ने मंदिर को शिफ्ट किया तमिलनाडु के मदुरै को मंदिरों का शहर कहा जाता है, यहां सैकड़ों की संख्या में मंदिर हैं. इन्हीं मंदिरों में से एक है- मुथल्लम्मन मंदिर. यह मंदिर तमिलनाडु के नारायणपुरम में मदुरै हाइवे पर स्थित है. मदुरै और नाथम को जोड़ने के […]
नेशनल कंटेंट सेल
-बिहार, नेपाल और हरियाणा की टीम ने मंदिर को शिफ्ट किया
तमिलनाडु के मदुरै को मंदिरों का शहर कहा जाता है, यहां सैकड़ों की संख्या में मंदिर हैं. इन्हीं मंदिरों में से एक है- मुथल्लम्मन मंदिर. यह मंदिर तमिलनाडु के नारायणपुरम में मदुरै हाइवे पर स्थित है. मदुरै और नाथम को जोड़ने के लिए तमिलनाडु सरकार ने जिस एलिवेटेड हाइवे प्रॉजेक्ट को मंजूरी दी है, उस रास्ते में 21 साल पुराना मुथल्लम्मन मंदिर आ गया. मंदिर के पुजारी ए दामोदरन ने बताया कि प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए मंदिर के 15 फीट हिस्से को तोड़ने की बात कही गयी थी.
कमिटी ने अनुमान लगाया कि इसे तोड़कर फिर से बनाने में लगभग 1.2 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा, जोकि इसके निर्माण में लगी लागत का दोगुना है. इसके बाद सरकार कासे उन्होंने अपनी चिंताओं से अवगत करा दिया और किसी नये रास्ते पर काम करने की सलाह दी. इसके बाद सरकार ने प्रोजेक्ट इंजीनियरों से बात कर किसी बेहतर रास्ते का सुझाव देने को कहा. फिर मंदिर के पुजारी को मंदिर शिफ्ट करने के बारे में जानकारी दी गयी. इसके बाद मंदिर की कमिटी के लोग एलिस नगर में इसी तरह से उठाये गये एक घर को देखने गये.
हरियाणा की एक टेक्निकल सपॉर्ट कंपनी और ए अनबिल थर्मालिंगम की इंजिनियरिंग के दम पर मंदिर को शिफ्ट कराने का फैसला लिया गया. इसके बाद 350 टन वजनी इस मंदिर को उसकी मूल जगह से 25 फीट दूर खिसका दिया गया और मंदिर वैसा का वैसा ही बना रहा. इंजिनियर थर्मालिंगम ने कहा कि 4225 वर्ग फीट एरिया में बने इस मंदिर की छत तक ऊंचाई 12 फीट जबकि शिखर को मिलाकर इसकी ऊंचाई कुल 25 फीट है. इसमें कुल 22 लाख रुपयों का खर्च आया. मंदिर को उठाने के लिए 350 जैक लगाये गये और छत को रोकने के लिए 77 सपॉर्ट स्ट्रक्चर्स का इस्तेमाल हुआ.
तीन घंटे में तीन फीट खिसकाया गया मंदिर
शुक्रवार को सुबह 10:30 बजे मंदिर को खिसकाने की प्रक्रिया शुरू हुई. तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद इसे अपनी जगह से तीन फीट और जमीन से पांच फीट ऊपर खिसका दिया गया है. नेपाल, हरियाणा और बिहार से आयी टीम ने शिफ्टिंग करने का काम किया. हालांकि, इस मंदिर को सिर्फ 15 फीट हटाने की जरूरत थी लेकिन भविष्य में हाइवे के किसी अन्य काम की संभावना को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने इसे 25 फीट खिसकाने का फैसला लिया. मंदिर के मुख्य भाग को खिसकाने के बाद तीन छोटे मंदिरों को भी शिफ्ट किया जायेगा. शिफ्टिंग का काम खत्म होने के बाद बेस फिलिंग का काम किया जायेगा.