श्रीनगर : सुरक्षा बलों के काफिले को सुरक्षित मार्ग प्रदान करने के लिए जम्मू- श्रीनगर- बारामूला राष्ट्रीय राजमार्ग पर आम नागरिकों के लिए प्रति सप्ताह दो दिन यातायात प्रतिबंधित रखने का फैसला रविवार से लागू हो गया.
इससे पहले भूस्खलन के कारण जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग पर फंसे करीब 2,000 वाहनों को वहां से निकाला गया. जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग सभी मौसम में कश्मीर को पूरे देश से जोड़ने वाला एकमात्र राजमार्ग है. सरकारी प्रशासन ने सुरक्षा बलों के काफिले को सुरक्षित मार्ग प्रदान करने के लिए 270 किलोमीटर लंबे राजमार्ग पर आम नागरिकों के लिए यातायात 31 मई तक हर सप्ताह रविवार और बुधवार को बंद रखने की घोषणा पिछले सप्ताह की थी.
हालांकि सभी राजनीतिक दलों, व्यापारिक समुदाय सहित समाज के हर तबके ने इसे जनविरोधी और अलोकतांत्रिक बताते हुए इसकी आलोचना की. दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले और 30 मार्च को रामबन जिले के बनिहाल में राजमार्ग के पास सीआरफपीएफ के एक काफिले पर कार बम हमले के असफल प्रयास के बाद यह निर्णय निया गया है.
इसे भी पढ़ें…
पुलवामा आतंकी हमला : 10 किमी दूर तक सुनी गयी धमाके की आवाज, धड़ा-धड़ गिरे दुकानों के शटर
पुतवाल हमले में बल के 40 जवान शहीद हो गए थे. भीषण भूस्खलन के बाद रामबन जिले के अनोखी फॉल के पास राजमार्ग जाम हो गया था, जिससे जम्मू जाने वाले करीब 2,000 वाहन वहां फंस गए थे. पुलिस उपाधीक्षक, यातायात (राष्ट्रीय राजमार्ग, रामबन), सुरेश शर्मा ने कहा, 14 घंटे तक चले लंबे अभियान के बाद देर रात करीब तीन बजे राजमार्ग से मलबा हटा लिया था. इसके बाद फंसे हुए वाहनों को जम्मू की ओर जाने की अनुमति दे दी गई.
दूसरी ओर, अधिकारियों ने बताया कि सेना, पुलिस और सीआरपीएफ कर्मियों को राजमार्ग की ओर जाने वाले चौराहों पर तैनात किया गया है ताकि सामान्य यातायात सुरक्षा बलों के काफिले की आवाजाही में किसी भी तरह दखल ना दें.
इसे भी पढ़ें…
पुलवामा आतंकी हमला : आतंकी जानते थे कि काफिला गुजरने वाला है, हमले के बाद 42 जवानों के खून से सन गयीं सड़कें
आम नागरिकों के लिए यातायात 31 मई तक हर सप्ताह रविवार और बुधवार को बंद रहेगा. एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि राज्य में चुनाव के दौरान सुरक्षा कर्मियों की आवाजाही बढ़ने के मद्देनजर यह प्रतिबंध लगाया गया है.
इसे भी पढ़ें…