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कांग्रेस का दावा: घोषणापत्र में उठाये क्रांतिकारी कदम,गरीबी, स्वास्थ्य, शिक्षा व किसानों की समस्याओं पर किया फोकस
कांग्रेस पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में क्रांतिकारी कदम उठाये गये हैं. इससे गरीबी, स्वास्थ्य, शिक्षा, बेरोगजारी, किसानों आदि की समस्याएं दूर होंगी. उक्त बातें प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष एसके वर्मा ने कहीं. उन्होंने कहा कि महिलाओं को लोकसभा व विधानसभा में आरक्षण देने का निर्णय लिया गया है. गरीबी मिटाने के लिए […]
कांग्रेस पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में क्रांतिकारी कदम उठाये गये हैं. इससे गरीबी, स्वास्थ्य, शिक्षा, बेरोगजारी, किसानों आदि की समस्याएं दूर होंगी. उक्त बातें प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष एसके वर्मा ने कहीं. उन्होंने कहा कि महिलाओं को लोकसभा व विधानसभा में आरक्षण देने का निर्णय लिया गया है.
गरीबी मिटाने के लिए न्यूनतम आय गारंटी योजना के तहत देश के गरीब 20 प्रतिशत परिवारों को हर साल 72 हजार रुपये दिये जायेंगे. इससे न्यूनतम आय वाले के जीवन स्तर में बदलाव होगा. युवाओं के लिए सार्वजनिक क्षेत्र में 34 लाख नौकरियां सुनिश्चित होने से बेरोजगारी दूर होगी. सरकार बनने पर मार्च 2020 से पहले केंद्र सरकार के सभी चार लाख सरकारी पद भरे जायेंगे. प्रत्येक ग्राम पंचायत और स्थानीय शहरी निकाय में दस लाख नये सेवा मित्र पदों का सृजन किया जायेगा. सरकारी विद्यालयों में कक्षा पहली से 12वीं तक शिक्षा मुफ्त व अनिवार्य होने से गरीबों के बच्चे भी शिक्षित हो सकेंगे.
किसानों के लिए कर्ज माफी से कर्ज मुक्ति का रास्ता निकलेगा. सभी के लिए स्वास्थ्य का कानून लागू होने से हर नागरिक को मुफ्त जांच, बढ़िया इलाज सुविधाएं, मुफ्त दवाएं व अस्पताल में भर्ती की गारंटी मिलेगी.लोकसभा व राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के लिए महिला आरक्षण विधेयक पास किया जायेगा. महिलाओं को केंद्र सरकार के सभी पदों में 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा. आवश्यक वस्तुओं व सेवाओं को छूट के साथ जीएसटी को सरल व आसान बनाया जायेगा.
घोषणापत्र में अनुसूचित जाति व व अनुसूचित जनजाति की भलाई के लिए ग्रामीण परिवार को बासभूमि का अधिकार संवैधानिक संस्थाओं की सुरक्षा, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन पर भी योजनाएं बनायी गयी हैं. कांग्रेस मुक्त की भावना को खत्म करने, उन्मादी भीड़ की हिंसा व मॉब लिंचिंग रोकने तथा एससी-एसटी महिलाओं व अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार व घृणा अपराधों को रोकने में घोषणापत्र कारगर साबित होगा.
न्यूनतम आय योजना अव्यावहारिक व घातक : भाजपा
भाजपा प्रवक्ता सुरेश रूंगटा ने कहा कि कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र में लोगों से न्यूनतम आय योजना देने का वादे अव्यावहारिक व घातक है. कांग्रेस अपने पूर्व के अाजमाये ‘गरीबी हटाओ’ जैसे लोक–लुभावने नारे को एक नये अंदाज में परोसकर शिगूफा छोड़ा है.
1971 में इंदिरा गांधी ने गरीबी हटाओ का नारा देकर चुनाव जीती थीं. लेकिन, देश से गरीबी दूर नहीं हुई. देश के सबसे गरीब 20 प्रतिशत परिवार (5 करोड़ परिवार) जिनकी आमदनी 12 हजार रुपये मासिक से कम हैं, उनके बैंक खाते में प्रतिमाह छह हजार रुपये डाले जायेंगे.
इसमें प्रथम कठिनाई यह है कि 20 प्रतिशत गरीब परिवारों का चयन कैसे होगा.12 हजार से अधिक कमाने वाले भी इस योजना का लाभ उठाने के लिए झूठा दावा पेश करेंगे, जिससे चयन में मुश्किलें आयेंगी व भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा. देश की अर्थव्यवस्था पर 3.60 लाख करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा. यह भारी भरकम धनराशि कहां से आयेगी ? कहीं वर्तमान में मोदी सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से दी जा रही सब्सिडी को बंद कर क्या उसके स्थान पर यह योजना शुरू की जायेगी.
बढ़ जायेगा राजकोषीय घाटा, होगी परेशानी
कांग्रेस के घोषणापत्र में यह कहना कि वर्तमान सब्सिडी बंद नहीं की जायेगी तो राजकोषीय घाटा जो अभी 3.3 प्रतिशत है, उसे पांच-छह प्रतिशत तक बढ़ने से कोई रोक नहीं सकेगा.राजकोषीय घाटे की वृद्धि से विदेशी निवेशक पलायन कर जायेंगे.
नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी तक कांग्रेस गरीबी दूर करने का वादा तो करती रहीं, लेकिन कभी भी इसके लिए उपर्युक्त आर्थिक नीतियां व वित्तीय अनुशासन का पालन नहीं किया. पूर्व आर्थिक सलाहकार अरविन्द सुब्रमण्यन ने 2016 में ही मोदी सरकार को विभिन्न योजना के अंतर्गत दी जाने वाली सभी सब्सिडी को बंद कर उसके स्थान पर एक यूनिवर्सल बेसिक इनकम को शुरू करने का प्रस्ताव दिया था. पर, इसे नकार दिया गया था.
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