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कश्मीर के लिए अलग PM की बात होगी तो अनुच्छेद 370, 35ए हटाने के अलावा विकल्प नहीं : राजनाथ

सुचेतगढ़ (जम्मू कश्मीर)/नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि अगर कोई जम्मू कश्मीर के लिए अलग प्रधानमंत्री की बात करता है तो सरकार के पास राज्य को विशेष दर्जे से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा. सिंह ने यहां एक […]

सुचेतगढ़ (जम्मू कश्मीर)/नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि अगर कोई जम्मू कश्मीर के लिए अलग प्रधानमंत्री की बात करता है तो सरकार के पास राज्य को विशेष दर्जे से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा.

सिंह ने यहां एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस से इस बारे में स्पष्टीकरण देने को कहा कि वह इस तरह की मांगों का समर्थन करती है या नहीं. उन्होंने कहा, अगर कोई जम्मू कश्मीर के लिए अलग प्रधानमंत्री के बारे में बात करता है तो हमारे पास अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को हटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा. करीब एक सप्ताह पहले नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर की स्वायत्तता को बहाल करने के लिए कड़ी मेहनत करेगी जिसमें एक सदर-ए-रियासत (राष्ट्रपति) तथा वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) का होना शामिल है.

गौरतलब है कि भाजपा ने सोमवार को अपने घोषणापत्र में जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने संबंधी अनुच्छेद 370 तथा जम्मू कश्मीर के गैर स्थायी निवासियों को परिभाषित करनेवाले अनुच्छेद 35ए को समाप्त करने का वादा तथा कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी की दिशा में काम करने का संकल्प व्यक्त किया है. भाजपा के संकल्प पत्र में कहा गया है कि पार्टी राज्य के विकास के मार्ग में आनेवाले सभी अवराधों को समाप्त करने तथा सभी क्षेत्रों के विकास के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन मुहैया करायेगा. इसमें जोर दिया गया है कि पिछले पांच वर्षों में निर्णायक कार्रवाई और एक दृढ़ नीति के माध्यम से जम्मू कश्मीर में शांति सुनिश्चित करने के लिये सभी आवश्यक प्रयास किये गये हैं. संकल्प पत्र में कहा गया है कि पार्टी जनसंघ के समय से ही अनुच्छेद 370 के बारे में अपना दृष्टिकोण दोहराती रही है जो इसे समाप्त करने का रहा है.

भाजपा ने कहा कि हम धारा 35ए को भी खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, हमारा मानना है कि अनुच्छेद 35ए जम्मू कश्मीर के गैर स्थायी निवासियों और महिलाओं के खिलाफ भेदभावपूर्ण है. यह धारा जम्मू कश्मीर के विकास में भी बाधा है. गौरतलब है कि भाजपा अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को समाप्त करने का हमेशा जिक्र करती रही है. इस चुनाव के समय इस पर जोर देना महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस प्रस्ताव पर अमल के लिए संसद के दोनों सदनों के समर्थन की जरूरत होगी. कश्मीर स्थित राजनीतिक दल इन दोनों अनुच्छेदों को समाप्त करने के प्रयासों का पुरजोर विरोध करते रहे हैं. कांग्रेस के घोषणापत्र में इस मुद्दे पर यथास्थिति बनाने रखने की बात कही गयी है.

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