नीलगिरी (तमिलनाडु) : द्रमुक नेता एम के स्टालिन द्वारा जे जयललिता की मौत को लेकर नये सिरे से जांच कराने की बार-बार की जाने वाली मांग के बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने सोमवार को आरोप लगाया कि द्रमुक के दिवंगत नेता एम करुणानिधि को दो साल तक उनके घर में नजरबंद रखा गया और इसी दौरान उनकी मौत हुई थी.
पलानीस्वामी ने यहां एक चुनावी रैली में आरोप लगाया कि 94 वर्षीय करूणानिधि को उपचार के लिए विदेश ले जाया सकता था. उन्होंने संकेत दिया कि अन्नाद्रमुक सरकार इसकी जांच करा सकती है. करूणानिधि का पिछले साल सात अगस्त को निधन हुआ था. पलानीस्वामी के इस आरोप पर विभिन्न द्रमुक नेताओं से कई बार संपर्क किया लेकिन उनकी कोई फौरी प्रतिक्रिया नहीं मिल पायी.
करूणानिधि के बाद द्रमुक प्रमुख की कमान संभालने वाले स्टालिन दिसंबर 2016 में जयललिता के निधन की परिस्थितियों पर कई बार सन्देह जता चुके हैं. उन्होंने यह भी कहा है कि यदि द्रमुक सत्ता आयी तो वह इसकी व्यापक जांच करायेगी.
पलानीस्वामी ने सोमवार को दावा किया स्टालिन ने अपने ‘स्वार्थी हितों’ के लिए करूणानिधि को नजरबंद करवा दिया. उन्होंने कहा कि यह सरकार का दायित्व है कि वह इस बात की जांच करवाये कि क्या इस वरिष्ठ द्रविण नेता ने कोई परेशानी झेली थी क्योंकि वह एक पूर्व मुख्यमंत्री थे.
उन्होंने कहा, ‘‘करूणानिधि एक पूर्व मुख्यमंत्री थे..उन्हें समुचित उपचार नहीं दिया गया और स्टालिन ने उन्हें नजरबंद रखा क्योंकि उन्हें लगता था कि यदि उनके पिता स्वस्थ हो गये तो वह पार्टी प्रमुख नहीं बन सकते.” मुख्यमंत्री ने द्रमुक कार्यकर्ताओं के हवाले से कहा कि वे ‘‘कहते हैं कि यदि करूणानिधि को विदेश ले जाया जाता और उन्हें बेहतर उपचार दिया जाता तो वे बोलते. लिहाजा स्टालिन ने अपने पिता को अपने स्वार्थी हितों के लिए नजरबंद रखा.”