पत्नी की मर्जी के बिना संबंध को अपराध बनाना भारत में संभव नहीं : पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा

बेंगलुरु : पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने यहां लॉ कॉलेज के कार्यक्रम में कहा कि भारत में वैवाहिक बलात्कार को अपराध की श्रेणी में नहीं लाना चाहिए. हमारे देश में परिवार नामक संस्था मूल्यों के आधार पर चलती है और अगर वैवाहिक बलात्कार को अपराध बना दिया गया तो कई परिवारों में यह अराजकता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 9, 2019 11:11 AM

बेंगलुरु : पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने यहां लॉ कॉलेज के कार्यक्रम में कहा कि भारत में वैवाहिक बलात्कार को अपराध की श्रेणी में नहीं लाना चाहिए. हमारे देश में परिवार नामक संस्था मूल्यों के आधार पर चलती है और अगर वैवाहिक बलात्कार को अपराध बना दिया गया तो कई परिवारों में यह अराजकता लेकर आयेगा.

पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने उक्त बातें लॉ कॉलेज के एक छात्र के सवालों का जवाब देते हुए कही. उन्होंने कहा कि भारत में अगर पति, पत्नी को सेक्स के लिए बाध्य करता है तो इसे किसी कानून में अपराध नहीं माना गया है. हालांकि स्त्री अधिकारों की वकालत करने वाली महिलाएं वैवाहिक बलात्कार को अपराध की श्रेणी में लाने की वकालत करती रही हैं.

गौरतलब है कि वैवाहिक बलात्कार को अपराध की श्रेणी में लाने से केंद्र सरकार पहले ही इनकार कर चुकी है. सरकार का तर्क था कि अगर वैवाहिक बलात्कार को अपराध बनाया गया तो विवाह नाम संस्था टूट जायेगी.

दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि अगर वैवाहिक बलात्कार को अपराध बनाया गया तो इसका दुरुपयोग होगा. हिंदू मैरिज एक्ट पति और पत्नी के लिए कुछ जिम्मेदारियां तय करता है, जिसमें सेक्स का अधिकार भी शामिल है.कानून के अनुसार विवाह संस्था में सेक्स के लिए मना करना क्रूरता है और इस आधार पर तलाक मांगा जा सकता है.

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