व्यापमं घोटाले की आंच पहुंची दिग्विजय तक
भोपाल : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने आरोप लगाया है कि मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) में हुए प्री मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) घोटाले के मुख्य आरोपी नितिन महेन्द्रा की नियुक्ति कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह 1995 में अपने मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान की थी. एबीवीपी के पूर्व महासचिव विष्णु दत्त शर्मा ने आज यहां संवाददाताओं […]
भोपाल : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने आरोप लगाया है कि मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) में हुए प्री मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) घोटाले के मुख्य आरोपी नितिन महेन्द्रा की नियुक्ति कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह 1995 में अपने मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान की थी. एबीवीपी के पूर्व महासचिव विष्णु दत्त शर्मा ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘व्यापमं घोटाले का असली सूत्रधार महेन्द्रा को मुख्यमंत्री रहते सिंह ने वर्ष 1995 में नियुक्ति दी थी तथा वर्ष 1998 में उसे बिना बारी के पदोन्नति भी प्रदान की’’.
उन्होने दावा किया है कि वर्ष 1998, 1999, 2000 एवं 2001 में भी पीएमटी घोटाला हुआ, जिसके जनक महेन्द्रा ही थे और उसे तत्कालीन मुख्यमंत्री सिंह ने दबा दिया था। इसकी जांच भी एसटीएफ से कराई जानी चाहिए. शर्मा ने यह भी दावा किया है कि व्यापमं घोटाले के मुख्य आरोपी पंकज त्रिवेदी, धनराज यादव, भरत मिश्र, डॉ. अजय शंकर मेहता एवं कई अन्य आरोपियों के वकील कांग्रेस प्रवक्ता अजय गुप्ता हैं, जो दिग्विजय सिंह के निजी मुकदमों में लगभग बारह वर्षो से लगातार पैरवी कर रहे हैं.