नकदी हेराफेरी में दक्षिण के राज्य आगे, देश भर में “509 करोड़ जब्त, आंध्र-तेलंगाना में प्रत्याशी पानी की तरह बहा रहे पैसे
अजय विद्यार्थी कोलकाता : चुनाव में नकदी हेराफेरी में दक्षिण के राज्य अव्वल हैं. देशभर में 509.062 करोड़ रुपये जब्त किये गये हैं. इनमें तमिलनाडु में सबसे अधिक 162.71 करोड़ रुपये जब्त किये गये हैं, जबकि आंध्र प्रदेश में 116.3 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र में 30.74 करोड़ रुपये जब्त किये गये हैं, जबकि पूर्वी भारत […]
अजय विद्यार्थी
कोलकाता : चुनाव में नकदी हेराफेरी में दक्षिण के राज्य अव्वल हैं. देशभर में 509.062 करोड़ रुपये जब्त किये गये हैं. इनमें तमिलनाडु में सबसे अधिक 162.71 करोड़ रुपये जब्त किये गये हैं, जबकि आंध्र प्रदेश में 116.3 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र में 30.74 करोड़ रुपये जब्त किये गये हैं, जबकि पूर्वी भारत के राज्यों में पश्चिम बंगाल में 19.7 करोड़, बिहार में 4.16 करोड़ व झारखंड में 1.95 करोड़ रुपये जब्त किये गये हैं.
चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद पूरे देश में आठ अप्रैल तक काला धन की अवैध लेन-देन में ये राशि जब्त की गयी है. चुनाव आयोग ने बिना वैध कागजात के 50 हजार से अधिक रुपये ले जाने पर रोक लगा दी है.
718 करोड़ रुपये के जब्त हुए ड्रग्स : चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार चुनाव प्रक्रिया के दौरान 718.867 करोड़ रुपये के ड्रग्स व नशील पदार्थ जब्त किये गये हैं.
सबसे ज्यादा 500.1 करोड़ रुपये के ड्रग्स गुजरात में जब्त किये गये हैं, जबकि दूसरे नंबर पर पंजाब में 124.73 करोड़ रुपये के ड्रग्स जब्त किये गये हैं. पश्चिम बंगाल में 1.03 करोड़ रुपये, झारखंड में 1.76 करोड़ रुपये तथा बिहार में केवल 57 किलोग्राम ड्रग्स ही जब्त हुए हैं.
आंध्र-तेलंगाना में प्रत्याशी पानी की तरह बहा रहे पैसे
हैदराबाद : आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में प्रत्याशी पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं. आयकर विभाग की ओर से विभिन्न स्रोतों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर किये गये आकलन के अनुसार दोनों राज्यों में किसी भी सीट पर एक प्रत्याशी का औसत खर्च 75 से 80 करोड़ रुपये है. आंध्र प्रदेश में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव भी हो रहे हैं.
आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार आंध्र में लोकसभा चुनाव लड़ने वाला प्रत्याशी 100 करोड़ रुपये और विधानसभा चुनाव लड़ने वाला प्रत्याशी 40 करोड़ रुपये तक भी खर्च कर रहा है, यह खर्च इस बात पर भी निर्भर कर रहा है कि प्रत्याशी किस दल का है. बताया जा रहा है, टिकट फाइनल किये जाने से पहले प्रत्याशियों को पूछा गया था कि उनके पास चुनाव लड़ने के लिए जरूरी ‘इतना पैसा’ है कि नहीं.