दंतेवाड़ा : …जब विधायक भीमा मंडावी का अंतिम संस्कार कर पूरा परिवार पहुंच गया मतदान करने
सत्येंद्र कुमार सिंह लोकतंत्र की दुर्लभ तस्वीर : छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने विस्फोट कर उड़ाया था विधायक को दंतेवाड़ा : लोकतंत्र के महापर्व की एक दुर्लभ तस्वीर छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में दिखी. यहां विधायक बेटे की अर्थी को चंद घंटे पहले कांधा देने वाले पिता और नक्सल हमले में सुहाग खोने वाली […]
सत्येंद्र कुमार सिंह
लोकतंत्र की दुर्लभ तस्वीर : छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने विस्फोट कर उड़ाया था विधायक को
दंतेवाड़ा : लोकतंत्र के महापर्व की एक दुर्लभ तस्वीर छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में दिखी. यहां विधायक बेटे की अर्थी को चंद घंटे पहले कांधा देने वाले पिता और नक्सल हमले में सुहाग खोने वाली पत्नी परिवार के साथ वोट देने पहुंची. मंगलवार की शाम विधायक भीमा मंडावी और चार जवानों को नक्सलियों ने विस्फोट से उड़ा दिया था. बुधवार की देर शाम ही विधायक का अंतिम संस्कार हुआ था. परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल था, बावजूद गुरुवार को पूरा परिवार वोट देने पहुंचा.
लोकतंत्र को मजबूत करने निकले इस इस परिवार को कतार में खड़े जिस किसी ने भी देखा, वो हैरत में पड़ गया. दिवंगत विधायक भीमा मंडावी के पिता लिंगा मंडावी और पत्नी ओजस्वी मंडावी के साथ उनके परिवार के 5 अन्य सदस्य भी मतदान करने गदापाल गांव के पोलिंग बूथ में पहुंचे थे.
पिता लिंगा मंडावी की आंखें डबडबायी हुई थी, विधवा ओजस्वी का गला रूंधा हुआ था. लेकिन, जिस हिम्मत के साथ वे लोकतंत्र के पर्व में शामिल होने वालों की कतार में खड़े थे. उसने जरूर हर किसी की लोकतंत्र पर आस्था को और मजबूत किया होगा.
वोट के लिए श्राद्धकर्म को बीच में ही रोका
श्राद्धकर्म को बीच में ही रोककर पूरा परिवार वोट देने पहुंचा था. मतदान केंद्र से लौटकर आने के बाद श्राद्ध का कार्यक्रम दोबारा शुरू किया गया. दिवगंत भीमा मंडावी के गांव गदापाल में वोटरों की कुल संख्या 1100 है, जिनमें से 690 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. विधायक की हत्या के पहले से ही नक्सलियों ने इलाके में वोट बहिष्कार की चेतावनी दी थी, बावजूद गदापाल में बंपर वोटिंग हुई.