पूर्व सैन्य अधिकारियों के नाम से राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी पर बढ़ा विवाद, रक्षा मंत्री ने कही ये बात

नयी दिल्ली : सेना के आठ पूर्व प्रमुखों और 148 अन्य पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर सशस्त्र सेनाओं का राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किये जाने पर आक्रोश जताया. पत्र पर जिन लोगों के हस्ताक्षर हैं उनमें पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) एसएफ रोड्रिग्ज, जनरल (सेवानिवृत्त) शंकर रॉयचौधरी और जनरल (सेवानिवृत्त) […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 12, 2019 2:42 PM

नयी दिल्ली : सेना के आठ पूर्व प्रमुखों और 148 अन्य पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर सशस्त्र सेनाओं का राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किये जाने पर आक्रोश जताया. पत्र पर जिन लोगों के हस्ताक्षर हैं उनमें पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) एसएफ रोड्रिग्ज, जनरल (सेवानिवृत्त) शंकर रॉयचौधरी और जनरल (सेवानिवृत्त) दीपक कपूर, भारतीय वायु सेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल (सेवानिवृत्त) एनसी सूरी शामिल हैं.

तीन पूर्व नौसेना प्रमुखों एडमिरल (सेवानिवृत्त) एल रामदास, एडमिरल (सेवानिवृत्त) अरुण प्रकाश, एडमिरल (सेवानिवृत्त) मेहता और एडमिरल (सेवानिवृत्त) विष्णु भागवत ने भी पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं. पत्र बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति के पास भेजा गया. राष्ट्रपति को लिखी कथित चिट्ठी में अपना नाम लिखे होने पर पूर्व आर्मी वाइस चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एमएल नायडू ने कहा कि इसके लिए मुझसे सहमति नहीं ली गयी है. आपको बता दें कि लिस्ट में 20वें नंबर पर है वायुसेना के वेटरन अफसर का नाम है. वहीं कथित चिट्ठी में मेजर जनरल हर्ष कक्कड़ का भी नाम है. उनका कहना है कि उन्होंने इस पत्र में अपना नाम शामिल करने के लिए सहमति दी थी.

खबरों की मानें तोपूर्व सैनिकों ने लिखा, ‘‘महोदय हम नेताओं की असामान्य और पूरी तरह से अस्वीकृत प्रक्रिया का जिक्र कर रहे हैं जिसमें वह सीमा पार हमलों जैसे सैन्य अभियानों का श्रेय ले रहे हैं और यहां तक कि सशस्त्र सेनाओं को ‘मोदी जी की सेना’ बताने का दावा तक कर रहे हैं.’

पूर्व सैनिकों ने कहा कि यह चिंता और सेवारत तथा सेवानिवृत्त सैनिकों के बीच असंतोष का मामला है कि सशस्त्र सेनाओं का इस्तेमाल राजनीतिक एजेंडा चलाने के लिए किया जा रहा है. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक चुनावी रैली में सशस्त्र सेनाओं को ‘‘मोदीजी की सेना’ बताया जिसपर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. निर्वाचन आयोग ने भी टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताई. पत्र में पूर्व सैनिकों ने चुनाव प्रचार अभियानों में भारतीय वायु सेना के पायलट अभिनंदन वर्धमान और अन्य सैनिकों की तस्वीरों के इस्तेमाल पर भी नाखुशी जतायी.

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