अपनी हास्य कविताओं से रूढ़िवादी मानसिकता पर गहरी चोट करने वाले हास्य कवि प्रदीप चौबे नहीं रहे

अपनी हास्य कविताओं से रूढ़िवादी मानसिकता पर गहरी चोट करनेवाले हास्य कवि प्रदीप चौबे (70) का गुरुवार की रात को ग्वालियर में हृदयाघात से निधन हो गया. देश, काल, वातावरण और समाज को ध्यान में रखकर अपना हास्य अंदाज सबके सामने रखना प्रदीप चौबे की खासियत थी. अपनी रचनाएं पढ़ने का उनका अंदाज निराला था. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2019 4:35 AM

अपनी हास्य कविताओं से रूढ़िवादी मानसिकता पर गहरी चोट करनेवाले हास्य कवि प्रदीप चौबे (70) का गुरुवार की रात को ग्वालियर में हृदयाघात से निधन हो गया. देश, काल, वातावरण और समाज को ध्यान में रखकर अपना हास्य अंदाज सबके सामने रखना प्रदीप चौबे की खासियत थी.

अपनी रचनाएं पढ़ने का उनका अंदाज निराला था. 26 अगस्त, 1949 को जन्मे प्रदीप चौबे के बिना हर हास्य महफिल अधूरी थी. उनके करीबियों का कहना है कि वे जितना लोगों को हंसाते थे उनता ही अपने अंदर के गम को छुपाए रहते थे.
पिछले दिनों हुई छोटे बेटे के आकस्मिक निधन के बाद उन्हें गहरा सदमा लगा था. इसके बावजूद वे होली के समय कपिल शर्मा शो के जरिये सार्वजनिक मंच पर दिखे थे, उन्होंने कपिल को भी अपनी रचनाओं से खूब हंसाया था.
वहीं शो की जज अर्चना पूरन सिंह, प्रदीप चौबे की कविताओं पर ठहाका लगाती दिखी थीं. कवि प्रदीप चौबे ने शो में एक जोक सुनाया था. साली ने जीजाजी से कहा- मैं पास हो गयी मिठाई खिलाइए. जीजाजी मुस्कुरा कर बोले- जरूर खिलाऊंगा, जरा और पास आइए.
इस पर शो की जज अर्चना पूरन सिंह ठहाका लगाते हुए दिखी थीं. कपिल ने भी याद किया : उनके निधन पर कपिल शर्मा ने कवि प्रदीप चौबे को याद किया. कपिल शर्मा ने ट्वीट कर कहा, अभी कुछ ही दिन पहले हमारे शो पर आये थे, यकीन ही नहीं हो रहा कि प्रदीप जी नहीं रहे. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें.
आसान से आसान शब्दों में जिंदगी के हर पहलू को कर देते थे बयां
पूछताछ काउंटर की सीट खाली रहने पर भी किया था व्यंग्य
जिंदगी के हर पहलू पर आसान से आसान शब्दों में व्यंग्य करने का हुनर प्रदीप चौबे के पास था. उदाहरण के लिए, आप कई बार रेलवे प्लेटफॉर्म पर गये होंगे जहां पूछताछ काउंटर पर जब आप जानकारी के लिए पहुंचे होंगे तो आपको कोई सीट पर बैठा नहीं दिखा होगा.
व्यवस्था की इस कमी को हास्य-व्यंग के अंदाज में प्रदीप चौबे ने लिखा-
इनक्वायरी काउंटर पर किसी को भी न पाकर
हमने प्रबंधक से कहा, जाकर
पूछताछ बाबू सीट पर नहीं है उसे कहां ढूंढें?
जवाब मिला – पूछताछ काउंटर पर पूछें!
साहित्य जगत की प्रमुख हस्तियों ने कवि को किया याद
प्रदीप चौबे के निधन के बाद साहित्य जगत की तमाम हस्तियों ने उन्हें अपने-अपने तरीके से याद किया. प्रख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास ने लिखा, अनगिनत मंचों का साथ और सैकड़ों यात्राओं के गुदगुदाते संस्मरण को हमारे हवाले कर हिंदी कवि-सम्मेलनीय उत्सवधर्मिता के प्रतीक, सखा, भाई, हास्य के अधिराज और गजल के महीन पारखी कवि प्रदीप चौबे हम सब से विदा ले गये. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें.

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