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36 में से एक भी गुण यदि ”आप” का कांग्रेस से मिलता तो हो जाता गंठबंधन

नयी दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच गंठबंधन नहीं होगा. दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर हो रही बातचीत विफल हो गयी है. बताया जा रहा है कि अरिवंद केजरीवाल की अगुवाई वाली पार्टी ने चार राज्यों में गठबंधन को लेकर एक ‘अव्यावहारिक रुख’ अख्तियार […]

नयी दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच गंठबंधन नहीं होगा. दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर हो रही बातचीत विफल हो गयी है. बताया जा रहा है कि अरिवंद केजरीवाल की अगुवाई वाली पार्टी ने चार राज्यों में गठबंधन को लेकर एक ‘अव्यावहारिक रुख’ अख्तियार कर रखा है इसलिए इस गंठबंधन पर गांठ नहीं पड़ी.

इधर,दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया ने अखबार से बातचीत में कहा है कि यदि आम आदमी पार्टी से कांग्रेस के 36 में से एक भी गुण मिलते तो शादी यानी गठबंधन कर लेते, लेकिन ऐसा न होने की वजह से गठबंधन न करना ही कांग्रेस ने उचित समझा.

शुक्रवार को कांग्रेस के दिल्ली मामलों के प्रभारी पी सी चाको ने घोषणा की कि पार्टी राष्ट्रीय राजधानी की सभी सात लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी. हालांकि, उन्होंने संकेत दिये कि वह अभी भी आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने को तैयार हैं, बशर्ते गठजोड़ केवल दिल्ली तक सीमित रहे. हालांकि, ‘आप’ ने कहा कि गठबंधन केवल तभी संभव है जब चार राज्यों और एक केन्द्र शासित प्रदेश में गठबंधन किया जाए.

कांग्रेस की घोषणा के बाद ‘आप’ ने हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ गठबंधन का ऐलान किया. चाको ने बताया कि पार्टी एक-दो दिन में दिल्ली के पार्टी प्रत्याशियों की सूची जारी कर देगी.

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