#JallianwalaBagh : राहुल गांधी श्रद्धांजलि देने अमृतसर पहुंचे, कहा, आजादी किस कीमत पर मिली इसे भुलाया नहीं जा सकता
अमृतसर : जलियांवाला बाग हत्याकांड के सौ वर्ष पूरे होने पर आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां जलियांवाला बाग मेमोरियल जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और स्मारक पर माल्यार्पण किया. इस मौके पर उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू भी मौजूद थे. सभी नेताओं ने जलियांवाला […]
अमृतसर : जलियांवाला बाग हत्याकांड के सौ वर्ष पूरे होने पर आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां जलियांवाला बाग मेमोरियल जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और स्मारक पर माल्यार्पण किया. इस मौके पर उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू भी मौजूद थे.
Today is the centenary of the brutal Jallianwalla Bagh massacre, a day of infamy that stunned the entire world and changed the course of the Indian freedom struggle.
The cost of our freedom must never be forgotten.
#JallianwalaBaghCentenary pic.twitter.com/f13691imZd
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 13, 2019
सभी नेताओं ने जलियांवाला बाग के भीतर स्थित स्मारक स्थल पर सुबह श्रद्धांजलि अर्पित की साथ ही 13 अप्रैल, 1919 को बर्बर तरीके से मौत के घाट उतारे गए लोगों की याद में दो मिनट का मौन भी रखा. गांधी शुक्रवार रात अमृतसर पहुंचे, इसके बाद वह सिंह के साथ स्वर्ण मंदिर गए और वहां मत्था टेका. राहुल गांधी ने यहां आगंतुक पुस्तिका में लिखा, ‘‘ आजादी की कीमत को कभी भुलाया नहीं जाना चाहिए. हम भारत के लोगों को सलाम करते हैं जिन्होंने आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया.’
भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त डोमिनिक आस्क्वीथ भी अलग से शनिवार को जलियांवाला बाग स्मारक स्थल गए. उन्होंने आगंतुक पुस्तिका में लिखा, ‘‘ आज से 100 साल पहले की जलियांवाला बाग घटना ब्रिटिश भारतीय इतिहास की एक शर्मनाक घटना है. जो कुछ भी हुआ और उससे उपजी पीड़ा से हमें बेहद दुख है.’ इतिहास में दर्ज इस दुखद घटना पर पंजाब सरकार की ओर से कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए थे. शुक्रवार की शाम मुख्यमंत्री और राज्यपाल वी पी सिंह बदनोर ने कैंडललाइट मार्च में भी हिस्सा लिया.
सिंह ने भारत के इतिहास में इस घटना को बेहद दुखदाई बताया. ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेसा मे ने जलियांवाला नरसंहार कांड की 100वीं बरसी से पहले बुधवार को इसे ब्रिटिश भारतीय इतिहास में ‘शर्मसार करने वाला धब्बा’ करार दिया लेकिन उन्होंने इस मामले में औपचारिक माफी नहीं मांगी. गौरतलब है कि पंजाब के अमृतसर में स्थित जलियांवाला बाग नरसंहार 13 अप्रैल 1919 को वैशाखी के दिन हुआ था. जलियांवाला बाग में स्वतंत्रता के समर्थन में शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने के लिए जुटी भीड़ पर कर्नल आर डायर के नेतृत्व में ब्रिटिश इंडियन आर्मी ने अंधाधुंध गोलीबारी की जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे..