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हमेशा विवादास्पद क्यों होता है फतवा?

आज सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए यह व्यवस्था दी कि चूंकि शरीयत को कानूनी मान्यता प्राप्त नहीं है, इसलिए फतवों को मानना जरूरी नहीं है. कोर्ट ने शरीयत अदालतों को यह सलाह दी है कि वे फतवा जारी करने से बचें. शरीयत अदालत फतवा जारी करने से बचें : सुप्रीम […]

आज सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए यह व्यवस्था दी कि चूंकि शरीयत को कानूनी मान्यता प्राप्त नहीं है, इसलिए फतवों को मानना जरूरी नहीं है. कोर्ट ने शरीयत अदालतों को यह सलाह दी है कि वे फतवा जारी करने से बचें.

शरीयत अदालत फतवा जारी करने से बचें : सुप्रीम कोर्ट

गौरतलब है कि शरीयत को मुसलमान अल्लाह का हुक्म मानते हैं और उसकी अवहेलना करने से बचते हैं. लेकिन कई बार ऐसा देखा गया है कि शरीयत की आड़ में शरीयत अदालतें ऐसे फैसले भी करते हैं, जो न सिर्फ अव्यावहारिक होते हैं बल्कि उनसे लोगों को काफी परेशानी भी हो जाती है.

कुछ विवादास्पद फतवे

जिंस न पहनें लड़कियां : दारुल उलूम देवबंद ने एक फतवा जारी किया था कि लड़कियां जिंस न पहनें. इससे इस्लामिक परंपराओं की अवहेलना होती है. इस फतवे का प्रगतिशील लोगों ने काफी विरोध किया था.

राजनीति को कैरियर बनाना हो, तो बुर्के में रहें महिलाएं : दारुम उलूम देवबंद ने 2005 में यह फतवा जारी किया था कि अगर कोई महिला राजनीति में आना चाहती है और उसकी इच्छा यह है कि वह चुनाव लड़े, तो उसे अपने शरीर को पूरी तरह ढंक कर रखना चाहिए.

अगर लड़कियां पूरे कपड़े में न हों, तो एक साथ काम न करें, महिला और पुरुष : 2010 में एक फतवा जारी किया गया था कि अगर कार्यालय में महिलाएं पूरे कपड़े में न हों, तो वहां लड़के और लड़कियों को साथ में काम नहीं करना चाहिए.

गैर इस्लामिक है फोटोग्राफी : वर्ष 2013 में देवबंद ने फोटोग्राफी को गैर इस्लामिक करार दिया था.

दो शादियां करना नहीं है व्यवहारिक : देवबंद ने यह फतवा जारी कर नयी बहस छेड़ दी थी कि दो शादियां करना भारतीय परिवेश में व्यावहारिक नहीं है, क्योंकि आज के दौर में दो बीवियां रखना संभव नहीं है.

महिला विरोधी क्यों होता है फतवा : अकसर यह देखा गया है कि शरीयत अदालतों द्वारा जो फतवे जारी किये जाते हैं, वे महिलाओं को रोकने के लिए होते हैं. उनके पहनावे उनके रहन-सहन पर टिप्पणी ज्यादा होती है. ऐसा महसूस होता है कि शरीयत की आड़ में महिलाओं के विकास को रोकना फतवा जारी करने का मुख्य उद्देश्य है.

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