गांव से ज्यादा बेरोजगार हैं शहरों में
नयी दिल्ली : देश में बढ़ती बेरोजगारी एक बहुत बड़ी चिंता है. लेकिन एक ताजा सर्वेक्षण के आकड़ों पर गौर करें तो गांव की तुलना में शहर में बेरोजगारों की संख्या ज्यादा है. कृषि और उसके सहयोगी सेवाएं आज भी सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध करवाने वाला क्षेत्र बना हुआ है. लोकसभा में सरकार की ओर से […]
नयी दिल्ली : देश में बढ़ती बेरोजगारी एक बहुत बड़ी चिंता है. लेकिन एक ताजा सर्वेक्षण के आकड़ों पर गौर करें तो गांव की तुलना में शहर में बेरोजगारों की संख्या ज्यादा है. कृषि और उसके सहयोगी सेवाएं आज भी सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध करवाने वाला क्षेत्र बना हुआ है.
लोकसभा में सरकार की ओर से जारी किये गए राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के आंकडों के मुताबिक, 2011.12 में सभी आयु वर्ग में ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी दर पुरुषों एवं महिलाओं में क्रमश: 1.7 और 1.7 प्रतिशत दर्ज की गई जबकि शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी दर पुरुषों में 3 प्रतिशत और महिलाओं में 5.2 प्रतिशत रही.
आंकडों के अनुसार, 15 से 29 आयु वर्ग में ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी दर पुरुषों एवं महिलाओं में क्रमश: 5 प्रतिशत और 4.8 प्रतिशत रही जबकि इस आयु वर्ग में शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी दर पुरुषों एवं महिलाओं में क्रमश: 8.1 प्रतिशत और 13.1 प्रतिशत दर्ज की गई.लोकसभा में सुप्रिया सुले के प्रश्न के उत्तर में श्रम एवं रोजगार मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रोजगार के अवसर बढाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है. ‘‘ अभी सरकार के सत्ता में आए एक माह ही हुआ है लेकिन रोजगार के अवसर बढाने के लिए उपाए किये जा रहे हैं. छोटे एवं कुटीर उद्योग को बढावा देने के साथ कौशल विकास पर जोर दिया जा रहा है. इसके साथ अन्य उपाए भी किये जा रहे हैं.’’
राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के आंकडों के मुताबिक, कृषि एवं उसकी सहयोगी सेवाएं अभी भी सर्वाधिक रोजगार मुहैया कराने वाला क्षेत्र बनी हुई हैं हालांकि इसमें गिरावाट दर्ज की गई है. साल 2004.05 में कृषि एवं उसके सहयोगी सेवा क्षेत्र में 26.83 करोड लोगों को रोजगार मिला। 2009.10 में इस क्षेत्र में 24. 74 करोड लोगों को रोजगार मिला जबकि 2011.12 में यह घटकर 23.18 करोड लोगों तक रह गया.