कठुआ : जम्मू-कश्मीर के कठुआ में रविवार को एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को औकात बता दी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमें परमाणु हमले (Nuclear Attack) की धमकी देता रहता था. अब इनके न्यूक्लियर की हवा निकल गयी. वह कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर भी जमकर बरसे. दोनों पार्टियों पर परिवारवाद को बढ़ावा देने और जम्मू-कश्मीर की तीन पीढ़ियों को बर्बाद करने का आरोप लगाया. श्री मोदी ने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती पर आयोजित जनसभा में कहा कि परिवारवाद का खात्मा और चुनावों में लोगों की भागीदारी ही बाबा साहेब को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू और बारामूला में भारी मतदान करके आपने आतंकियों के आकाओं, पाकिस्तान परस्तों और निराशा में डूबे महामिलावटियों को कड़ा जवाब दिया है. लेकिन, देश में कुछ लोग मोदी के विरोध में इतने डूब गये हैं कि उनको राष्ट्रवाद गाली नजर आने लगी है. उन्होंने कहा कि महामिलावटी और उनके रागदरबारी आये दिन सवाल पूछते हैं कि मोदी राष्ट्र रक्षा की बात क्यों करता है. श्री मोदी ने कहा कि राजनीति अपनी जगह होती है. चुनाव अपनी जगह हैं. नेता भी आते-जाते रहते हैं, लेकिन हमारा ये देश हमेशा रहेगा.
श्री मोदी ने कांग्रेस के घोषणा पत्र को भी आड़े हाथ लिया. कहा कि जम्मू-कश्मीर से सेना हटाने की बात कर रही है कांग्रेस. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के नागरिकों की इच्छा के बिना ऐसा नहीं हो सकता. जम्मू-कश्मीर के लोगों की पीठ में छुरा घोंपने का काम कर रही है कांग्रेस. पाकिस्तान के पैसे पर जम्मू-कश्मीर में उपद्रव मचाने वालों से बिना शर्त बात करने के लिए कांग्रेस तैयार है. जवानों को प्राप्त विशेषाधिकार भी खत्म करने के लिए तैयार है कांग्रेस. श्री मोदी ने लोगों से पूछा कि सेना के जवानों और पुलिस को सुरक्षा कवच मिलना चाहिए या नहीं.
न्याय दिलाने के नाम पर धोखा देना कांग्रेस का राजनीतिक चरित्र
कठुआ में प्रधानमंत्री ने कांग्रेस की नीतियों को जमकर कोसा. कांग्रेस की नीतियों के चलते ही मेरे कश्मीरी पंडित भाई-बहनों को अपना ही घर छोड़ना पड़ा. कहा कि कांग्रेस और उसके साथियों को अपने वोटबैंक की इतनी चिंता थी कि कश्मीरी पंडितों पर होने वाले अत्याचार उन्होंने देखकर भी अनदेखा कर दिया. पीएम ने कहा कि कांग्रेस वो पार्टी है, जो न्याय दिलाने के नाम पर भी लोगों से धोखा कर जाती है. न्याय के नाम पर पीढ़ी दर पीढ़ी देश के लोगों को धोखा देना, कांग्रेस का राजनीतिक चरित्र है. उन्होंने पूछा कि न्याय का ढोंग करने वाली कांग्रेस, क्या कभी कश्मीरी पंडितों को न्याय दिला पायी? उन्होंने पूछा कि क्या कभी 84 के दंगों में मारे गये सिख भाई-बहनों, बहू-बेटियों को कांग्रेस न्याय दिला पायी?
कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी की महामिलावट एक्सपोज हो गयी
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते कुछ दिनों में आपने भी देखा कि किस तरह कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी की महामिलावट पूरी तरह से एक्सपोज हो गयी है. बरसों से जो इनके मन में था, जो वो चाहते थे, चोरी-छिपे जिसके लिए काम कर रहे थे, वो अब खुलेआम सामने आ गया है. श्री मोदी ने पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती के बयान की भी निंदा की. उन्होंने कहा कि ये लोग अब धमकियां दे रहे हैं. बरसों से इनके मन में जो कुछ भी था, चोरी-छिपे जिस मसले पर ये काम कर रहे थे, अब सामने आ गया है. ये जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने, खून-खराबे और अलग प्रधानमंत्री बनाने की धमकी दे रहे हैं.
पीएम ने कहा कि श्यामा प्रसाद जी का वो उद्घोष, भारतीय जनता पार्टी के लिए वचनपत्र है, पत्थर की वो लकीर है, जिसे कोई मिटा नहीं सकता. उन्होंने कहा कि ये भाजपा का हमेशा से कमिटमेंट रहा है और देश का ये चौकीदार भी इसी भावना पर अटल है और अटल रहेगा. उन्होंने कहा कि यही वो धरती है, यही वो जगह है, जहां पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने तिरंगा फहराया था. श्री मोदी ने कहा कि देश विरोधी हर ताकत को उन्होंने ललकारा था कि एक देश में दो विधान, दो प्रधान, और दो निशान नहीं चलेंगे.
कैप्टन अमरिंदर को भी लिया निशाने पर
श्री मोदी ने कहा, ‘मैं कैप्टन अमरिंदर सिंह को बरसों से जानता हूं. मैं समझ सकता हूं कि इस परिवार भक्ति के लिए उन पर किस तरह दबाव बनाया गया. पंजाब में जिस तरह के दांव-पेंच चलाये जा रहे हैं, उसके सामने कैप्टन को भी झुकना पड़ गया. वे कांग्रेस के नामदार के साथ जलियांवाला बाग गये, लेकिन भारत सरकार के अधिकृत कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति के साथ जाना उन्होंने सही नहीं समझा.’ श्री मोदी ने कहा कि यही राष्ट्र भक्ति और परिवार भक्ति का फर्क है. कहा कि कल उपराष्ट्रपति महोदय सरकार के अधिकृत कार्यक्रम में जलियांवाला बाग शहीदों को श्रद्धांजलि देने वहां गये थे. लेकिन, उनके इस कार्यक्रम में कांग्रेस के मुख्यमंत्री गायब थे. श्री मोदी ने कहा कि कैप्टन सिंह ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार इसीलिए किया, क्योंकि वो कांग्रेस परिवार की भक्ति में जुटे हुए थे.