योगी आदित्यनाथ के ”मोदी की सेना” वाले बयान पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए : गहलोत
जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सेना के राजनीतिकरण को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘मोदी की सेना’ वाले बयान पर कहा कि उनपर (योगी) राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए. गहलोत ने रविवार को जयपुर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि ‘हमारे देश में 70 साल में सैनिक और […]
जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सेना के राजनीतिकरण को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘मोदी की सेना’ वाले बयान पर कहा कि उनपर (योगी) राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए. गहलोत ने रविवार को जयपुर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि ‘हमारे देश में 70 साल में सैनिक और सेनाओं को राजनीति से अलग रखा गया, पहली बार राजनीतिकरण करने का प्रयास किया जा रहा है… योगी जी बोल रहे हैं यह मोदी सेना है, राष्ट्रद्रोह का मुकदमा तो योगी जी पर चलना चाहिए.’
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से सरकार के विरोध में यदि कोई आवाज उठाता है या कोई व्यक्ति आलोचना करता है तो वह राष्ट्रद्रोही कहलाता है, राष्ट्रद्रोही वह है जो मुख्यमंत्री होते हुए भी बोलते हैं की मोदी सेना है, आप कहां ले जाना चाहते हो देश को? जिस दिन पाकिस्तान की तरह यहां सैनिकों का हस्तक्षेप होने लग जायेगा क्या होगा देश के अंदर?
उन्होंने कहा कि हमारे यहां की सेना कभी सोचती ही नहीं है इन बातों को, वह खुद कहते हैं कि हमारा काम देश की रक्षा करना है हम अपना फर्ज अदा करते हैं, राजनीति अपनी जगह अपना काम करें. उन्होंने कहा कि हाल ही में कुछ पूर्व सैन्य अधिकारियों ने सेना के राजनीतिकरण के बारे में राष्ट्रपति को क्यों लिखा?, यह जो घटनाएं देश के अंदर हो रही हैं देशवासियों को उन को गंभीरता से लेना चाहिए.
सवाईमाधोपुर के गंगापुरसिटी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी ने कालाधन वापस लाने, बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने और महंगाई कम करने के मुद्दे पर असत्य बोलकर देशवासियों को गुमराह किया है. गंगापुर सिटी में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि देश की जनता अब समझ गयी है कि किस प्रकार से एक के बाद एक झूठ और जुमले बोले गये लेकिन अब उनका पर्दाफाश हो गया है.
आम आदमी, उद्यमी अब समझ गया है कि यह झूठ कब तक चलेगा. प्रधानमंत्री किसी पार्टी का नहीं होता देश का होता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अपने भाषण के दौरान लटके झटके करते रहते है इनको फिल्मों में जाना चाहिए था, फिल्मों में जाते तो एक्टिंग करने में बड़े मास्टर साबित होते. फिल्मों में अभिनेता, अभिनेत्री और खलनायक की सच्चाई नहीं होती है वो खाली वहां एक्टिंग करते है.
मोदी को चुनाव में मुद्दों पर बात करनी चाहिए. पांच साल के वादे और उपलब्धियों के बारे में जनता को बताना चाहिए. आप अपनी बात कहो.. कांग्रेस अपनी बात कहेगी. गहलोत ने कहा कि ‘हमारी कोई दुश्मनी ना मोदी जी से है, ना अमित शाह, ना भाजपा ना आरएसएस से है, लोकतंत्र में लड़ाई विचारों की होती है, अपने-अपने विचार होते हैं, नीतियां होती हैं जनता के लिए, जनता के लिए निर्धारित किये कार्यक्रमों के आधार पर चुनाव लड़ना चाहिए. जनता फैसला करेगी सत्ता किसको सौंपनी है.
उन्होंने कहा कि मोदी मुद्दों पर ध्यान भटकाने के लिए राष्टभक्ति की बात करते हैं… क्या हम लोग राष्ट्रभक्त नहीं है… क्या हमारे खून में राष्ट्रभक्ति नहीं है, हिन्दू के नाम पर वोट लेना चाहते हैं… क्या हम लोग हिन्दू नहीं हैं. कब तक गुमराह करोगे. उन्होंने कहा कि चुनाव आते ही भाजपा को राममंदिर याद आता है. आज देश में सब लोग घबराये हुए हैं, देश में घृणा, नफरत, हिंसा का माहौल है निर्दोष लोगों को गाय माता के नाम पर मार देते है, कहां की समझदारी है, यह देश एक रहा है, अखंड रहा है, लोकतंत्र कायम रहा है. आज लोकतंत्र बचाने का समय आ गया है.
उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस सरकार बनने के बाद जो- वादे किये गये उनको पूरा करने में कोई कमी नहीं छोड़ी गयी है, सरकार ने कई क्रांतिकारी फैसले किये हैं. कांग्रेस के घोषणापत्र में गरीब लोगों को 72 हजार रुपये प्रतिवर्ष देने का एक नया अभिनव प्रयोग हुआ है. किसानों का बजट अलग पेश होगा. छोटे उद्योगों के लिये तीन साल तक लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस के शासन में धौलपुर से गंगापुर तक वाया करौली तक रेल लाइन बिछाने के लिए शिलान्यास कर दिया था, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रेलवे को लिखकर भेज दिया कि इसकी जरूरत नहीं है.
अजमेर—नसीराबाद—केकड़ी टोंक और आदिवासियों के लिए बांसवाड़ा की रेललाईन को बंद कर दिया. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर कांग्रेस सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद करने का आरोप लगाते हुए गहलोत ने कहा कि भाजपा को भारी बहुमत मिलने के बाद भी किन कारणों से ये जो व्यवहार किया है वो समझ के परे है.