नक्सल समस्या से निपटने के लिए समान रुख का संकल्प

नयी दिल्ली: माओवाद प्रभावित राज्यों ने उग्रवादियों के खिलाफ संपूर्ण अभियान चलाने और उनको कोष की आपूर्ति को रोकने के अलावा नक्सल समस्या से निपटने के लिए राष्ट्रीय नीति के तहत समान रुख अख्तियार करने का आज संकल्प लिया. गृह मंत्रालय द्वारा बुलाई गई नक्सल प्रभावित नौ राज्यों की एक बैठक में राज्य पहली बार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:45 PM

नयी दिल्ली: माओवाद प्रभावित राज्यों ने उग्रवादियों के खिलाफ संपूर्ण अभियान चलाने और उनको कोष की आपूर्ति को रोकने के अलावा नक्सल समस्या से निपटने के लिए राष्ट्रीय नीति के तहत समान रुख अख्तियार करने का आज संकल्प लिया.

गृह मंत्रालय द्वारा बुलाई गई नक्सल प्रभावित नौ राज्यों की एक बैठक में राज्य पहली बार एक राष्ट्रीय नीति के तहत समान रुख अपनाने और संयुक्त रुप से अंतरराज्यीय अभियान शुरु करने पर राजी हुए. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हालांकि, माओवादियों से निपटने में सेना और वायुसेना का इस्तेमाल नहीं होगा. नक्सलवाद की समस्या ने हाल के महीनों में एक खतरनाक मोड़ ले लिया है.

नक्सलियों को धन की आपूर्ति पर रोक लगाने के लिए राज्यों ने ठेकेदारों को तेंदू पत्ता एकत्र करने की इजाजत देने की प्रणाली को छोड़ने का फैसला किया है और राज्य सरकार खुद ही ये पत्ते एकत्र करेगी. सूत्रों ने बताया कि माओवादी तेंदू पत्ते को एकत्र करने के कार्य में जुटे ठेकेदारों से अक्सर वसूली करते हैं.

देश में एक मजबूत आतंकवाद रोधी कानून की कमी संबंधी मोदी के बयान पर चिदंबरम ने कहा कि यूएपीए कानून में आतंकवाद के मामलों से निपटने के लिए पर्याप्त प्रावधान हैं लेकिन देश को कानून को लागू करने के लिए एनसीटीसी जैसे किसी साधन की जरुरत है.

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘दरअसल वह (मोदी) टाडा और पोटा को वापस लाना चाहते हैं. उन्होंने ऐसा क्यों नहीं कहा कि मैं पोटा वापस चाहता हूं. कांग्रेस पार्टी पोटा के विरोध में है, संप्रग पोटा के खिलाफ है.’’ रमन सिंह ने कहा कि एनसीटीसी को जिम्मेदाराना और जनता के प्रति जवाबदेह बनाने के लिए इस पर संसद की मुहर लगना जरुरी है.

आंतरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि एनआईए कानून जैसी शक्तियां एनसीटीसी को नहीं दी जानी चाहिए कि यह राज्यों की सहमति के बगैर ही आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच करे. आंतरिक सुरक्षा के मामलों में केंद्र पर एकपक्षीय तरीके से निर्णय लेने का आरोप लगाते हुए शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केंद्र (एनसीटीसी) बनाने में व्यावहारिक कठिनाइयों का हवाला दिया.

इस पर अपना विरोध दर्ज कराते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि प्रस्तावित एनसीटीसी देश के संघीय ढांचे से मेल नहीं खाता. मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्र ने ममता के भाषण को पढ़ा.

ममता ने अपने भाषण में कहा, ‘‘कई अन्य राज्यों की तरह पश्चिम बंगाल की भी राय है कि एनसीटीसी का प्रस्तावित स्वरुप देश के संघीय ढांचे को गड़बड़ करता है.’’

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