यूपीए की देन है महंगाई
* बजट सत्र के पहले दिन विपक्ष ने सरकार को घेरा नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को महंगाई पर चर्चा के दौरान बढ़ती महंगाई और रेलवे की दुर्दशा का ठीकरा यूपीए सरकार पर फोड़ा. उनके जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस, माकपा, तृणमूल और सपा ने राज्यसभा से वॉकआउट किया. जेटली ने कहा […]
* बजट सत्र के पहले दिन विपक्ष ने सरकार को घेरा
नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को महंगाई पर चर्चा के दौरान बढ़ती महंगाई और रेलवे की दुर्दशा का ठीकरा यूपीए सरकार पर फोड़ा. उनके जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस, माकपा, तृणमूल और सपा ने राज्यसभा से वॉकआउट किया. जेटली ने कहा कि अभी यूपीए के हिस्से की महंगाई बढ़ी है. एनडीए के हिस्से का पता मंगलवार को चलेगा.
उन्होंने कहा कि यूपीए की नीतियों की वजह से रेलवे का घाटा हर साल बढ़ता रहा. यात्री किराया घाटा 13 हजार करोड़ रुपये हो गया. रेलवे को उबारने के लिए कठोर फैसले जरूरी थे. उन्होंने कहा कि रेलवे किराया बढ़ाने का फैसला फरवरी में हुआ था, पर यूपीए ने उसे चुनाव तक टाल दिया. उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई भी यूपीए की नाकामियों का ही फल है. उसने भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए कुछ खास कार्य नहीं किये. इससे पूर्व, बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष ने एकजुट होकर मोदी सरकार को दोनों मुद्दों पर घेरा. राज्यसभा में बहस में विपक्ष ने आरोप लगाया कि महंगाई रोकने का वादा कर सत्ता में आयी सरकार उसका ठीक उल्टा कर रही है.
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि एनडीए सरकार के सवा महीने के शासन में हर ओर महंगाई बढ़ी है. सब्जी और फलों के दाम बढ़े हैं. सत्ता में आने के बाद से सरकार ने रेल और माल भाड़े में बढ़ोतरी के अलावा पेट्रोल-डीजल-एलपीजी के दाम भी बढ़ाये. यह वही नरेंद्र मोदी हैं, जिन्होंने दो साल पहले रेल किराया बढ़ाने पर इसके खिलाफ पीएम को चिट्ठी लिखी थी. सवाल किया कि क्या दो साल में सब कुछ बदल गया. आजाद ने सरकार से किराया और कीमतों में की गयी बढ़ोतरी वापस लेने की मांग की.
* महंगाई कोई रिले रेस का बेटन है, जो एक सरकार अगली को थमा जाये? सरकार को पिछली सरकार पर आरोप लगाने के बजाय काम करना चाहिए.
सीताराम येचुरी, माकपा
* महंगाई के नाम पर सिर्फ सब्जियों, फलों, अनाज के दाम की चर्चा हो रही है. सीमेंट, ऊर्वरक में मूल्यवृद्धि की कोई चर्चा नहीं कर रहा. बिचौलियों का बोलबाला है, जो महंगाई की मूल जड़ हैं. चुनाव से पहले बड़ी-बड़ी बातें क्यों की गयी.
शरद यादव, जदयू
* लोकसभा में राहुल ने भी किया हंगामा
लोकसभा में भारी हंगामे के कारण सदन की बैठक कई बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी. कार्रवाई के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी काफी आक्रामक मुद्रा में थे. जब कांग्रेस के सांसद सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे, राहुल को बाहें चढ़ाते देखा गया. वह गलियारे में आ गये और सोनिया गांधी के पास बेंच के सामने खड़े हो गये. हालांकि, नारेबाजी कर रहे सांसदों का साथ नहीं दिया. बैक बेंचर कहे जानेवाले राहुल गांधी विपक्ष की बेंच की तीसरी पंक्ति में बैठे थे.
* देश ने देखी शेम-शेम से राहुल की शुरुआत : रुडी
पत्रकारों ने भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी से राहुल के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा, मैं थोड़ा हैरान था. विपक्ष में जाने के बाद कम से कम उन्हें अंग्रेजी में कुछ शब्द बोलते सुना. सदन ने नयी शुरुआत देखी. राहुल ने शेम-शेम से शुरुआत की. हालांकि, कांग्रेस नेताओं ने इस बात से इनकार किया कि राहुल गांधी ने शेम-शेम के नारे लगाये. कमल नाथ ने कहा, राहुल गांधी विपक्ष के एक्टिव पार्ट हैं.
* नकवी ने किया सरकार का बचाव
महंगाई हमें विरासत में मिली है. मैं संवेदशनशील सरकार को बधाई देता हूं कि महंगाई पर चर्चा के लिए तुरंत तैयार हो गयी. महंगाई सच्चाई है और इसके साथ जीना होगा. पिछली सरकार ने जो बोया था, उसे ही काटा जा रहा है. कांग्रेस सत्ता में थी, उसे महंगाई दिखती नहीं थी. विपक्ष में आने पर दिख रही है, अच्छी बात है.
मुख्तार अब्बास नकवी, भाजपा