इंजीनियरों की पसंद आइआइएम,आइआइटी में सैकड़ों सीटें खाली

– सेंट्रल डेस्क – मोटी तनख्वाह की ख्वाहिश में इंजीनियरिंग के छात्र भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम) की ओर रुख कर रहे हैं. फलस्वरूप देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान (आइआइटी) में इस बार 650 सीटें खाली रह गयीं. बताया जाता है कि नये आइआइटी और उसके कुछ विषयों में विद्यार्थियों की रुचि नहीं है. आइआइटी जेइइ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 8, 2014 7:35 AM

– सेंट्रल डेस्क –

मोटी तनख्वाह की ख्वाहिश में इंजीनियरिंग के छात्र भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम) की ओर रुख कर रहे हैं. फलस्वरूप देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान (आइआइटी) में इस बार 650 सीटें खाली रह गयीं.

बताया जाता है कि नये आइआइटी और उसके कुछ विषयों में विद्यार्थियों की रुचि नहीं है. आइआइटी जेइइ एडवांस काउंसलिंग के प्रमुख एमके पाणग्रिही ने बताया कि पहले चरण में 9,711 सीटों की काउंसलिंग में 9,061 विद्यार्थियों ने ही दाखिला लिया. सीटें और खाली रहेंगी, जब दाखिला ले चुके कई विद्यार्थी अपना नाम वापस लेंगे. आइआइटी इसकी कई वजहें बता रहा है, पर आइआइएम इंदौर का एडमिशन ट्रेंड कुछ और कह रहा है.

आंकड़े बताते हैं कि देश के शीर्ष बी स्कूलों में इंजीनियरिंग पृष्ठभूमिवाले विद्यार्थियों की तादाद तेजी से बढ़ी है. सत्र 2014-16 के लिए पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम के नये बैच में दाखिला पानेवाले 451 विद्यार्थियों में 401 (करीब 89%) की अकादमिक प्रोफाइल इंजीनियरिंग की है. विशेषज्ञों कहते हैं कि इंजीनियरों की युवा जमात के पेशेवर रास्ते में परिवर्तन का बड़ा कारण नियोक्ता को आकर्षित कर मोटी पगारवाली अच्छी नौकरी पाने की बढ़ती ललक है. यह रुझान देश के अकादमिक और कामकाजी हलकों में चिंताजनक असंतुलन और असंतोष भी पैदा कर रहा है

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