नयी दिल्ली : उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एन डी तिवारी के बेटे रोहित शेखर को दक्षिण दिल्ली के एक निजी अस्पताल में मृत दशा में लाया गया. पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) विजय कुमार ने बताया कि तिवारी को मैक्स अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.38 साल के रोहित शेखर तिवारी डिफेंस कॉलोनी में रहते थे. 18 अक्टूबर 2018 को एनडी तिवारी का निधन हो गया था. वह 93 वर्ष के थे.
लंबी कानूनी लड़ाई के बाद रोहित शेखर यह साबित करने में कामयाब रहे थे कि एनडी तिवारी ही उनके पिता हैं. रोहित ने एक लंबी लड़ाई लड़ी थी और अपनी मां का हक हासिल किया था. एनडी तिवारी पहले इनकार करते रहे, लेकिन कानूनी रूप से मिले अधिकार के बाद उन्होंने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोहित को अपना बेटा माना था और आशीर्वाद दिया था.
तिवारी ने लम्बी कानूनी लडाई के बाद अभी कुछ महीनों पहले ही उज्ज्वला के बेटे रोहित शेखर को अपने जैविक पुत्र के रुप में स्वीकार किया था. यह सब कुछ होने के बाद तिवारी ने 14 मई को लखनउ स्थित अपने सरकारी आवास पर उज्ज्वला से हिन्दू रीति रिवाज के साथ विवाह कर लिया था और आज उसका विधिक रुप से पंजीकरण भी करवा लिया.
*तिवारी ने बेटे रोहित को दिये थे सारे अधिकार
एनडी तिवारी ने अपनी वसीयत में भी रोहित शेखर तिवारी को वह सारे अधिकार दिये थे जो एक बेटे को मिलने चाहिए एन डी तिवारी ने कहा था कि मैं अपनी बढ़ती उम्र के मद्देनजर यह फैसला लिया है कि आज से मेरी सारी पारिवारिक और राजनीतिक विरासत को रोहित संभालेंगे. उन्होंने कहा कि मैं अपने बेटे रोहित को अपना उत्तराधिकारी घोषित करता हूं
* मुद्दतों बाद माना था रोहित को अपना बेटा
कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता नारायण दत्त तिवारी बहुत दिनों तक रोहित शेखर तिवारी को अपना बेटा मानने से इनकार किया था. इस मामले को लेकर उनपर कई दफा आरोप भी लगाया गया था. कई वर्षों तक रोहित की मां और अपने को एनडी तिवारी की पत्नी बताने वाली उज्जवला ने अपना हक पाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. लेकिन अंतत: एनडी तिवारी को मानना ही पड़ा कि रोहित शेखर उनके ही पुत्र हैं और उज्जवला उनकी पत्नी हैं.
एनडी तिवारी ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा था कि मैं मानता हूं कि रोहित मेरा बेटा है. इसका चेहरा ही इस बात को साबित करने के लिए काफी है. इसका चेहरा मुझसे मिलता है. मैं रोहित की मां उज्जवला का भी सम्मान करता हूं. रोहित मेरा उत्तराधिकारी है.