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इंदौर रेलवे स्टेशन की चहारदीवारी से फूलन देवी की तस्वीर मिटाये जाने पर विवाद

इंदौर : दस्यु सुंदरी से राजनेता बनीं फूलन देवी की तस्वीर को स्थानीय रेलवे स्टेशन की चहारदीवारी से आनन-फानन में मिटाये जाने पर विवाद खड़ा हो गया है. यह तस्वीर झांसी की रानी लक्ष्मीबाई और करुणा की प्रतिमूर्ति के रूप में मशहूर मदर टेरेसा समेत करीब 35 ख्यातिप्राप्त महिलाओं के चित्रों के साथ बनायी गयी […]

इंदौर : दस्यु सुंदरी से राजनेता बनीं फूलन देवी की तस्वीर को स्थानीय रेलवे स्टेशन की चहारदीवारी से आनन-फानन में मिटाये जाने पर विवाद खड़ा हो गया है. यह तस्वीर झांसी की रानी लक्ष्मीबाई और करुणा की प्रतिमूर्ति के रूप में मशहूर मदर टेरेसा समेत करीब 35 ख्यातिप्राप्त महिलाओं के चित्रों के साथ बनायी गयी थी.

चश्मदीद सूत्रों ने बताया कि रेलवे स्टेशन की चहारदीवारी पर फूलन देवी के दस्यु जीवन की उस छवि को उकेरा गया था, जिसमें वह अपने माथे पर लाल कपड़ा बांधे दिखायी देती हैं. इस तस्वीर के नीचे बाकायदा उनका नाम भी लिखा गया था.

इस मामले में पूछे जाने पर रतलाम के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) आरएन सुनकर ने मंगलवार को बताया, इंदौर रेलवे स्टेशन की चहारदीवारी पर फूलन देवी की विवादास्पद तस्वीर बनाये जाने की जानकारी मिलते ही संबंधित लोगों को फौरन निर्देश देकर इस तस्वीर को एक घंटे के भीतर ही मिटवा दिया गया था.

यह 12 या 13 अप्रैल की बात है. सुनकर ने बताया कि कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत एक निजी विश्वविद्यालय ने स्थानीय रेलवे स्टेशन की चहारदीवारी के सौंदर्यीकरण के लिये इस पर विभिन्न क्षेत्रों की ख्यातिप्राप्त महिलाओं की तस्वीरें बनवायी हैं. डीआरएम ने कहा, सीएसआर के तहत काम कर रही संबंधित संस्था को सख्त ताकीद की गयी है कि वह आइंदा रेलवे प्रशासन की पूर्व स्वीकृति के बगैर किसी भी हस्ती को रेलवे की सरकारी संपत्ति पर चित्रित न करे.

इस बीच, मल्लाह समुदाय ने रेलवे स्टेशन की चहारदीवारी से फूलन देवी का चित्र मिटाये जाने पर विरोध जताया है. चंबल के बीहड़ों के दस्यु जीवन को छोड़कर सरकार के सामने आत्मसमर्पण करने वाली फूलन देवी इसी समुदाय से ताल्लुक रखती थीं. माझी, मछुआ एवं आदिवासी महासंघ की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर रायकवार ने कहा, रेलवे स्टेशन की चहारदीवारी से फूलन देवी की तस्वीर मिटाया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.

हमारे समुदाय का प्रतिनिधिमंडल रेलवे अधिकारियों से जल्द मिलकर मांग करेगा कि वहां फूलन देवी की तस्वीर दोबारा बनायी जाये. उन्होंने कहा, दुनिया भर में चर्चित फूलन देवी का जीवन एक नारी के संघर्ष की कहानी है. उन्होंने अत्याचार के खिलाफ हथियार उठाये थे. दस्यु जीवन छोड़ने के बाद वह लोकसभा चुनाव जीतकर संसद भी पहुंची थीं. हम उनका अपमान कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे.

उधर, राजपूत समुदाय ने रेलवे स्टेशन की चहारदीवारी पर फूलन देवी का चित्र बनाये जाने पर मोर्चा खोल दिया है. अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की इंदौर इकाई के संरक्षक मोहन सेंगर ने कहा, रेलवे को बताना चाहिये कि फूलन देवी ने समाज के लिये ऐसा कौन-सा उल्लेखनीय काम किया, जो उनकी तस्वीर लक्ष्मीबाई और मदर टेरेसा जैसी महान नारियों की तस्वीरों के साथ रेलवे स्टेशन की चहारदीवारी पर उकेरने की अनुमति दी गयी थी?.

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