भाजपा की एक और लिस्ट जारी, भोपाल से दिग्विजय सिंह को चुनौती देंगी साध्वी प्रज्ञा सिंह
भोपाल : भाजपा ने बुधवार को मध्य प्रदेश की चार लोकसभा सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी. इनमें साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के अलावा डॉ केपी यादव, राजबहादुर सिंह और रामाकांत भार्गव के नाम शामिल हैं.इस सूची में सबसे अहम नाम साध्वी प्रज्ञा सिंह का है जो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय […]
भोपाल : भाजपा ने बुधवार को मध्य प्रदेश की चार लोकसभा सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी. इनमें साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के अलावा डॉ केपी यादव, राजबहादुर सिंह और रामाकांत भार्गव के नाम शामिल हैं.इस सूची में सबसे अहम नाम साध्वी प्रज्ञा सिंह का है जो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को भोपाल में टक्कर देंगीं. साध्वी प्रज्ञा बुधवार को ही भाजपा में शामिल हुई हैं.
साध्वी प्रज्ञा के अलावा गुना से डॉ केपी यादव, सागर से राज बहादुर सिंह और विदिशा से रमाकांत भार्गव को टिकट दिया गया है. बुधवार को साध्वी प्रज्ञा ने भाजपा के भोपाल कार्यालय पहुंचकर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, रामलाल और प्रभात झा के साथ बैठक की. बताया जा रहा है कि बैठक में प्रदेश स्तर से लेकर केंद्र स्तर तक चर्चा हुई. इस मुलाकात के तुरंत बाद संवाददाताओं से बात करते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि मैं औपचारिक रूप से भाजपा शामिल हो गयी हूं. मैं चुनाव लड़ूंगी और जीतूंगी भी. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से जब मीडिया ने साध्वी प्रज्ञा के भाजपा में शामिल होने से संबंधित सवाल पूछे तो उन्होंने कहा, साध्वी का भाजपा में शामिल होना पार्टी की मनोदशा को दिखाता है.
गौरतलब है कि साध्वी प्रज्ञा और दिग्विजय सिंह को एक-दूसरे का धुर विरोधी माना जाता है. दिग्विजय सिंह कांग्रेस के उन चुनिंदा नेताओं में से एक हैं जिन्होंने यूपीए सरकार के दौर में ‘भगवा आतंकवाद’ के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था. शायद यही वजह है कि साध्वी प्रज्ञा चुनावी बिसात पर दिग्विजय सिंह को चुनौती देना चाहती हैं. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी हैं. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और दिग्विजय का मुकाबला इसलिए भी दिलचस्प होने वाला है क्योंकि दिग्विजय सिंह 16 साल बाद चुनाव लड़ने जा रहे हैं. 1993 से 2003 तक लगातार 10 सालों तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह 2003 के बाद से अबतक किसी भी लोकसभा या विधानसभा चुनाव में नहीं लड़े हैं.