नयी दिल्ली : लोकसभा चुनाव में शानदार जीत अर्जित करने के बाद भाजपा ने उस जीत के मुख्य रणनीतिकारों में एक रहे अमित शाह को बुधवार को अध्यक्ष बनाकर पार्टी की कमान सौंप दी. पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई भाजपा संसदीय बोर्ड द्वारा सर्वसम्मति से यह फैसला किया गया.
निवर्तमान अध्यक्ष व गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी सार्वजनिक घोषणा करते हुए कहा कि अब से अमित शाह पार्टी का नेतृत्व करेंगे. समझा जाता है कि आरएसएस से मंजूरी मिलने के बाद शाह के नाम की घोषणा की गयी है. इससे पहले संसदीय बोर्ड की बैठक हुई, जिसमें नरेंद्र मोदी, लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, राजनाथ सिंह सहित इसके सभी सदस्य उपस्थित थे.
यह संयोग भी बना है कि प्रधानमंत्री व सत्तारूढ़ पार्टी के प्रमुख दोनों गुजरात से हैं. 1964 में जन्मे शाह ने पार्टी का सबसे युवा अध्यक्ष बनकर इतिहास लिख दिया. शाह ने गुजरात भाजपा के मजबूत नेता से राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी का सुप्रीमो बनने तक में एक साल से भी कम समय लिया.
फैसले के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में शाह को मोदी और राजनाथ सिंह ने मिठाई खिलाकर उनका अभिवादन किया. शाह ने पार्टी के एलके आडवाणी समेत कुछ वरिष्ठ सदस्यों के चरण छूकर आशीर्वाद ग्रहण किया. किसी भी सवालों का जवाब नहीं देते हुए उन्होंने बस इतना कहा, मैं बाद में बात करूंगा.
राजनाथ सिंह ने कहा कि भाजपा का अध्यक्ष पद मैंने भारी मन से संभाला था. मैं असहाय महसूस कर रहा था, क्योंकि नितिन गडकरी के खिलाफ आधारहीन आरोप लगाये गये थे. अब प्रधानमंत्री ने मुझे गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी है. मैंने केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक बुला कर अपना इस्तीफा (अध्यक्ष) सौंप दिया.
शाह के पास विचारों की भरमार है व उनकी संगठनात्मक और प्रबंधन की अद्भुत क्षमताएं हैं. शाह के पक्ष में जिस चीज ने सबसे ज्यादा काम किया, वह था उत्तरप्रदेश में असाधारण प्रदर्शन. यूपी में प्रभारी महासचिव के रूप में उन्होंने राज्य की 80 में से 71 सीटों पर विजय दिलाने में एक अगुवा की भूमिका निभायी.
इधर, लोस चुनाव में जीत हासिल करने के बाद पार्टी संगठन में महत्वपूर्ण बदलाव करने की तैयारी कर रही है. पार्टी में संगठनात्मक पुनर्गठन ऐसे समय में हो रहे हैं जब महाराष्ट्र, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और झारखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं.
आरएसएस के दो प्रचारक भाजपा में
संघ ने अपने दो वरिष्ठ प्रचारकों राम माधव और शिव प्रकाश को भाजपा में भेजने का पहले ही निर्णय कर लिया है. भाजपा के नये अध्यक्ष इन दोनों की संगठन में नयी भूमिका तय करेंगे. ऐसी संभावना है कि इन दोनों को पार्टी का महासचिव बनाया जा सकता है. मोदी स्वयं भी संघ के पूर्णकालिक प्रचारक रह चुके हैं. संघ ने उन्हें भाजपा में भेजा था. शाह अगर भाजपा अध्यक्ष बन जाते हैं तो एक संयोग यह भी बनेगा कि प्रधानमंत्री और सत्तारुढ़ दल का अध्यक्ष एक ही राज्य, गुजरात के हो जायेंगे.