लिंगभेद के कारण हरियाणा में बढ़ती जा रही है कुवांरों की फौज!

नयी दिल्‍ली : हरियाणा में इन दिनों लिंगानुपात एक बड़ी समस्‍या बनकर सामने आ रही है. लगातार लड़कियों की घटती संख्‍या से कुवांरों की फौज बढ़ती जा रही है. इसके पीछे कोई और नहीं बल्कि हरियाणा के लोग ही हैं. गरीबी, शिशुमृत्यु और मातृमृत्यु दर भारत में सर्वाधिक: रिपोर्ट हरियाणा में कन्‍या भ्रूण हत्‍या का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 8, 2014 11:23 AM

नयी दिल्‍ली : हरियाणा में इन दिनों लिंगानुपात एक बड़ी समस्‍या बनकर सामने आ रही है. लगातार लड़कियों की घटती संख्‍या से कुवांरों की फौज बढ़ती जा रही है. इसके पीछे कोई और नहीं बल्कि हरियाणा के लोग ही हैं.

गरीबी, शिशुमृत्यु और मातृमृत्यु दर भारत में सर्वाधिक: रिपोर्ट

हरियाणा में कन्‍या भ्रूण हत्‍या का आंकड़ा बहुत अधिक है. 2011 जनगणना के अनुसार हरियाणा में लिंगानुपात प्रति हजार 879 है. इस आंकड़े में लगातार गिरावट दर्ज किया जा रहा है. राज्‍य में कन्‍या भ्रूण हत्‍या रोकने के पीछे कोई भी योजना नहीं बनायी गयी है. इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में राज्‍य सरकार को हिदायत भी दी थी, लेकिन फिर भी इस ओर कोई कारगर कार्रवाई नहीं की गयी. हरियाणा के लोग अपने लिए दुल्‍हनें तो चाहते हैं,लेकिन कोख में पलने वाली बेटियां उन्‍हें मंजूर नहीं है. राज्‍य में घटती लिंगानुपात कुवांरेपन की प्रमुख वजह है.

* भाजपा नेता के बयान से हुआ था हंगामा

गौरतलब हो कि भाजपा नेता ओपी धनखड़ ने हरियाणा के युवकों से किये एक विचित्र वादे कर कर काफी विवादों में फंस गये थे. उन्‍होंने हरियाणा के युवकों से कहा कि यदि उन्हें राज्य में दुल्हनें नहीं मिल पा रही है, तो वह उनके लिए बिहार से दुल्हनें लायेंगे. धनखड़ ने गत शुक्रवार को जींद के नरवाना में आयोजित एक किसान महासम्मेलन में जुटे लोगों से राज्य में भाजपा के हाथ मजबूत करने का आह्वान करते हुए कहा कि इसका यह भी मतलब है कि कई गांवों के उन युवकों को दुल्हनें भी मिलेंगी, जो बिना विवाह के घूम रहे हैं.

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