जयपुर : राजस्थान में चुनावी समर में उतरे प्रत्याशियों में दो की संख्या का रोचक संयोग है. राज्य की 25 सीटों के लिए भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवारों में से दो साधु हैं, तो एक सीट पर दो मौसेरे भाइयों तथा एक सीट पर दो खिलाड़ियों में टक्कर है. दो मुख्यमंत्रियों (पूर्व व मौजूदा) के बेटे मैदान में हैं, तो पूर्व राजघराने के दो सदस्य भी अपना चुनावी भाग्य आजमा रहे हैं.
राजस्थान में लोकसभा की कुल 25 सीटें हैं, जिन पर दो चरण में 29 अप्रैल और छह मई को मतदान होगा. राज्य की जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट पर मुकाबला दो खिलाड़ियों में है. इस सीट से कांग्रेस ने पूर्व ओलिंपियन और मौजूदा विधायक कृष्णा पूनिया को उतारा है.
यहां से भाजपा के मौजूदा सांसद और पूर्व ओलिंपियपन राज्यवर्धन सिंह राठौड़ दोबारा मैदान में हैं. राठौड़ ने निशानेबाजी में रजत पदक जीता, तो पूनिया ने तीन ओलिंपिक में भाग लिया. हालांकि, राजनीतिक टीकाकारों का मानना है कि इस सीट पर जाट और राजपूत मतदाताओं की खासी संख्या है. इसलिए जीतने के लिए जातीय समीकरण साधना भी बड़ी चुनौती होगी.
राज्य की बीकानेर संसदीय सीट पर भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी मौसेरे भाई हैं. मौजूदा सांसद अर्जुनराम मेघवाल का इस सीट पर यह तीसरा चुनाव है, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व आइपीएस अधिकारी मदन गोपाल मेघवाल का यह पहला चुनाव है. वर्ष 2014 का चुनाव अर्जुनराम ने तीन लाख से अधिक मतों के अंतर से जीता था. इस सीट पर पिछले तीन चुनाव भाजपा ने ही जीते हैं.
दो साधु भी राजस्थान से अपना चुनावी भाग्य आजमा रहे हैं. दोनों भाजपा के प्रत्याशी हैं. सीकर से भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद सुमेधानंद सरस्वती को फिर टिकट दिया है. वहीं, अलवर सीट पर उसने बाबा बालकनाथ को उतारा है. सरस्वती के सामने कांग्रेस के सुभाष महरिया है.
अलवर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के सबसे युवा उम्मीदवार बाबा बालकनाथ (35 वर्ष) के सामने पूर्व राजघराने के भंवर जितेंद्र सिंह हैं. बालकनाथ रोहतक के मस्तनाथ मठ के महंत हैं. उनकी एक पहचान अलवर के पूर्व सांसद और महंत चांदनाथ के शिष्य की भी है.
पूर्व राजघराने से चुनावी समर में उतरे प्रत्याशियों की बात की जाये, तो भंवर जितेंद्र सिंह के साथ-साथ पूर्व विधायक दीया कुमारी का नाम भी इसमें शामिल है. पूर्व जयपुर राजघराने की दीया कुमारी भाजपा के टिकट पर राजसमंद से प्रत्याशी हैं. कांग्रेस ने इस सीट पर देवकीनंदन गुर्जर को उतारा है.
दो का यह संयोग चुनावी मैदान में उतरे मुख्यमंत्री के पुत्रों में भी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत जोधपुर सीट से और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह झालावाड़ बारां सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. मौजूदा सांसद दुष्यंत का यह चौथा चुनाव होगा. वहीं, वैभव पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं.
इस तरह का एक रोचक संयोग ‘दलबदलू’ प्रत्याशियों का भी बनता है. ऐसे दो उम्मीदवार मानवेंद्र सिंह और प्रमोद शर्मा हैं. पूर्व भाजपा सांसद मानवेंद्र सिंह इस बार कांग्रेस की टिकट पर बाड़मेर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं भाजपा से कांग्रेस में आये प्रमोद शर्मा को झालावाड़ बारां सीट पर उतारा गया है.