नयी दिल्ली : कांग्रेस ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डीएस हुड्डा की अध्यक्षता में एक टास्कफोर्स की रिपोर्ट को रविवार को सार्वजनिक कर दिया. पार्टी ने कहा कि यह महत्वपूर्ण मुद्दा है, लेकिन यह कहना पूरी तरह से गलत होगा कि यह चुनावी विमर्श पर हावी है.
पार्टी ने कहा कि जो तीन शीर्ष मुद्दे लोगों को प्रभावित करते हैं वे बेरोजगारी, कृषि संकट और लोगों की सुरक्षा है. कांग्रेस ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पी चिदंबरम और जयराम रमेश की मौजूदगी में इस रिपोर्ट को जारी किया. पार्टी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति उसका रुख अस्थायी और उत्साहहीन नहीं है. चिदंबरम ने पत्रकारों से कहा, नंबर एक मुद्दा बेरोजगारी बना हुआ है. नंबर दो मुद्दा कृषि संकट है और नंबर तीन का मुद्दा लोगों, महिलाओं, दलितों, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, वनवासियों, पत्रकारों, शिक्षाविदों, गैर सरकारी संगठनों के विभिन्न वर्गों की सुरक्षा है. यह पूछे जाने पर कि क्या लोकसभा चुनावों के दौरान सार्वजनिक की गयी इस रिपोर्ट का मतलब राष्ट्रीय सुरक्षा पर विमर्श को बदलना है, तो उन्होंने कहा, राष्ट्रीय सुरक्षा इस विमर्श का एक महत्वपूर्ण पहलू है, लेकिन यह कहना कि यह इस पर हावी हो रहा है पूरी तरह से गलत है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव प्रचार के दौरान हर दिन नौकरियों, कृषि और लोगों के विभिन्न वर्गों की सुरक्षा के बारे में बात कर रहे हैं. चिदंबरम ने कहा कि यह रिपोर्ट राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कैसा रुख अपनाया जाये, इसकी एक व्यापक रूपरेखा है. उन्होंने कहा, हमने लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा की योजना की कई बातों को (घोषणा पत्र) में लिया है. ये विचार तब लागू होंगे जब हम अपनी सरकार बनायेंगे. हमारा रुख अस्थायी और उत्साहहीन नहीं है. इसे सावधानीपूर्वक अध्ययन और विचार-विमर्श के बाद बनाया गया है और आवश्यक कदम उठाये जायेंगे. हमारी रुचि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करना है. रिपोर्ट को पेश करते हुए हुड्डा ने कहा कि रिपोर्ट में राष्ट्रीय सुरक्षा के पांच पिलर हैं. उन्होंने कहा कि भारत को वैश्विक मामलों में अपना सही स्थान सुनिश्चित करने, भारत के पड़ोस को सुरक्षित करने, जम्मू और कश्मीर जैसे आंतरिक मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान और जन सुरक्षा को सुनिश्चित करना, लोगों की रक्षा के राष्ट्रीय सुरक्षा का मुख्य लक्ष्य है.
हुड्डा ने कहा, राष्ट्रीय सुरक्षा का पांचवां और अंतिम पिलर हमारी क्षमताओं को मजबूत करना है. लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा, जिन्हें सितंबर 2016 में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी शिविरों पर भारत की सर्जिकल स्ट्राइक का नेतृत्व करने का श्रेय दिया जाता है, ने कहा, भविष्य में युद्ध लड़ने की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए, क्षमताओं का निर्माण करने और तीनों सेवाओं के लिए पर्याप्त बजटीय सहायता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है.