13.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

राजस्‍थान : जसवंत सिंह की विरासत और मोदी फैक्टर के बीच है यहां सियासी जंग

बाड़मेर से अंजनी कुमार सिंह यहां सवाल मानवेंद्र का नहीं देश की सुरक्षा का है जोधपुर से बाड़मेर के बीच एनएच से सटे बालोतरा कस्बे के नगर परिषद के पीछे पेड़ की छांव में कई लोग चुनावी चर्चा में मशगूल हैं. सबके अपने-अपने दावे हैं. नारायण गहलोत कहते हैं – यहां पर ‘कास्ट’ नहीं, सिर्फ […]

बाड़मेर से अंजनी कुमार सिंह

यहां सवाल मानवेंद्र का नहीं देश की सुरक्षा का है

जोधपुर से बाड़मेर के बीच एनएच से सटे बालोतरा कस्बे के नगर परिषद के पीछे पेड़ की छांव में कई लोग चुनावी चर्चा में मशगूल हैं. सबके अपने-अपने दावे हैं. नारायण गहलोत कहते हैं – यहां पर ‘कास्ट’ नहीं, सिर्फ मोदी और गहलोत हैं. मोदी ने आतंक को लेकर पाकिस्तान को जो सबक सिखाया है, उससे बॉर्डर की जनता खुश है.

यहां का वोट किसी प्रत्याशी के लिए नहीं, बल्कि पीएम के लिए डाला जायेगा. वहीं चूजा राम माली राज्य के विकास और क्षेत्र में मीठे पानी लाने का श्रेय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और जसवंत सिंह को देते हुए कांग्रेस प्रत्याशी को वोट देने की बात करते हैं. स्थानीय होने के नाते मानवेंद्र के प्रति लोगों में सहानुभति है, लेकिन देश की सुरक्षा के लिए पीएम के प्रति लोगों का झुकाव है.

सीमाई इलाके की इस बार बदली हुई है फिजां

भारत-पाकिस्तान बाॅर्डर पर स्थित बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय क्षेत्र की राजनीतिक फिजां बदली हुई है. पिछली बार वर्तमान सांसद कर्नल सोनाराम कांग्रेस छोड़कर भाजपा से उम्मीदवार बने थे, तो इस बार क्षेत्र से पूर्व में सांसद रह चुके मानवेंद्र सिंह भाजपा छोड़कर कांग्रेसी उम्मीदवार हैं.

भाजपा की ओर से पूर्व विधायक कैलाश चौधरी मैदान में हैं. खास बात यह है कि दानों प्रत्याशियों को पिछले विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था. इस बार मानवेंद्र जहां पिता की विरासत को संभालने की जी-तोड़ कोशिश में जुटे हैं, वहीं कैलाश चौधरी मोदी लहर को लेकर आश्वस्त हैं.

जसोल से तिलवाड़ा के बीच श्रीमल्लिनाथ मार्ग पर तेमावस गांव में वाजपेयी सरकार में विदेश, रक्षा और वित्त मंत्रालय की जिम्मेवारी संभालने वाले मेजर ठाकुर जसवंत सिंह की ढाणी का बोर्ड सड़क किनारे लगा है.

उनके भाई लेफ्टिनेंट जनरल हनूत सिंह को भारत-पाक युद्ध के दौरान बड़ी संख्या में पाकिस्तानी टैंक तबाह करने लिए उपहार स्वरूप मिले तोप इनके दरवाजे की शोभा बढ़ा रहे हैं. तीन कमरे और एक बैठकी. मानवेंद्र पिता द्वारा किये गये विकास कार्य और भाजपा के सर्जिकल स्ट्राइक का जबाव अपने दादा, ता़ऊ और पिता के सेना में की गयी सेवा का हवाला देकर देते हैं. भारत-पाक रिश्तों में बेहतरी के हिमायती जसवंत सिंह की पहल पर शुरू की गयी थार एक्सप्रेस, मीठे पानी के लिए वाटर रिसाइक्लिंग प्लांट, एम्स, छह लेन की सड़कें और अन्य कामों का श्रेय यहां की जनता उनको देते हैं.

मानवेंद्र के प्रति सहानुभूति, पर उनके कांग्रेस में जाने से नाराजगी

पिता के कारण मानवेंद्र के प्रति लोगों में सहानुभूति है, लेकिन यहां के कई लोग उनके कांग्रेस में शामिल होने से नाराज भी हैं. रानी भटिआनी मंदिर जसोल धाम के पास खड़े प्रकाश सेन कहते हैं कि सवाल मानवेंद्र का नहीं है, देश की सुरक्षा का है. उनके पिता द्वारा राज्य में किये गये विकास कार्यों को कोई भुला नहीं सकता है.

लेकिन, इसका मतलब यह नहीं कि हम राष्ट्रहित काे भूल जाएं. भाजपा प्रत्याशी कैलाश चौधरी के पैतृक गांव बायतु में लोग कास्ट फैक्टर नहीं होने की बात करते हैं. हालांकि, मैकेनिकल इंजीनियर नारायण गहलोत का कहना है कि लोग अभी कुछ भी कहें, यहां अंतिम समय में जातिवाद अहम रोल अदा करता है. क्षेत्र के विकास से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को लोग मतदान के समय भूल जाते है.

कास्ट फैक्टर: जाट और राजपूत अहम

भाजपा प्रत्याशी जाट समुदाय के हैं, तो कांग्रेस प्रत्याशी राजपूत. जाट और राजपूतों के बीच इस क्षेत्र में कड़ी प्रतिद्वंद्विता रही है. इसलिए जातिगत समीकरण को दोनों साधने में जुटे हैं. कैलाश, जाट वोट और मोदी फैक्टर के सहारे तो मानवेंद्र राजपूत, दलित और मुसलिम मतों के सहारे जीत की उम्मीद लगाये हुए हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में बाड़मेर-जैसलमेर की 8 में से 7 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा हो गया.

44 डिग्री पारा; सुबह और शाम ही प्रचार

इस क्षेत्र का तकरीबन 500 किलोमीटर पाकिस्तान से लगा हुआ है. तापमान 44 डिग्री पार कर जाने के कारण प्रत्याशियों को लोगों से संपर्क करना मुश्किल हो रहा है. प्रत्याशी अहले सुबह और शाम को ज्यादातर मतदताओं से संपर्क साध रहे हैं. दूर-दूर तक फैले रेत के समंदर और भीषण गर्मी में सैकड़ो किलोमीटर चल कर मतदाताओं के पास पहुंचना प्रत्याशियों के लिए अहम चुनौती है.

2014 की स्थिति

‘कर्नल’ ने ‘मेजर’ को हराया बाड़मेर-जैसलमेर लोस सीट पर दिलचस्प टक्कर दिखी थी, जब भाजपा ने दिग्गज कर्नल सोनाराम चौधरी को टिकट दिया था. मेजर रहे जसवंत निर्दलीय चुनाव लड़े, लेकिन रिटायर्ड कर्नल ने मेजर को मात दे दी.

कर्नल सोनाराम, भाजपा488,747

जसवंत सिंह, निर्दलीय401,286

हरीश चौधरी, कांग्रेस220,881

2009 की स्थिति

हरीश चौधरी, कांग्रेस416497

मानवेंद्र सिंह, भाजपा297391

पोपटराम, निर्दलीय18806

1680152 कुल मतदाता

783282

महिला मतदाता

896867

पुरुष मतदाता

2011 की जनगणना के अनुसार जातीय समीकरण

17 लाख मतदाता लगभग

3.5 लाख जाट

2.5 लाख राजपूत

04 लाख एससी-एसटी

03 लाख मुस्लिम

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें