नयी दिल्ली : ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों को सभी राज्यों में कमजोर करने का कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर चुनाव के बाद भाजपा फिर से सत्ता में आती है, तो इसके लिए सिर्फ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जिम्मेदार होंगे.
केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को आप का घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सभी राज्यों में विपक्ष के गठबंधन को कमजोर करने की कोशिश की है. उन्होंने कहा, मुझे बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मोदी और अमित शाह जी की जोड़ी अगर दोबारा सत्ता में आती है तो इसके लिए केवल और केवल एक ही शख्स जिम्मेदार होगा और वह है राहुल गांधी. उन्होंने कहा कि जिस तरह से उन्होंने (राहुल गांधी) उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, केरल, दिल्ली, हरियाणा गोवा, चंडीगढ़ में विपक्ष को कमजोर करने की कोशिश की है यह अच्छी बात नहीं है. केजरीवाल ने कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा, कांग्रेस उत्तर प्रदेश में भी विपक्ष को हराने की पूरी कोशिश कर रही है, जगह-जगह सपा-बसपा गठबंधन को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस केरल, पश्चिम बंगाल में भी विपक्ष को नुकसान पहुंचा रही है. मुझे नहीं पता कांग्रेस की मंशा क्या है.
उन्होंने मतदाताओं से वोट बंटने नहीं देने की अपील करते हुए कहा, कोई भी हिंदू, कांग्रेस को वोट नहीं दे रहा है केवल मुसलमानों में थोड़ा बहुत भ्रम है. मैं उम्मीद करता हूं कि दिल्ली के हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई, सभी धर्म जातियों के लोग, जो मोदी शाह की जोड़ी से देश को बचाना चाहते हैं वे दिल्ली में एकजुट होकर आप का समर्थन करेंगे. चुनाव के बाद कांग्रेस की अगुवाई में सरकार बनने की स्थिति में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए आप द्वारा समर्थन देने के सवाल पर केजरीवाल ने कहा, यह चुनाव किसी को प्रधानमंत्री बनाने का चुनाव नहीं है, बल्कि देश को बचाने का चुनाव है. हमारा सबसे पहला मकसद होगा मोदी और अमित शाह जी की जोड़ी को हटाना. इसके लिए उस समय जो भी स्थिति बनेगी, उसके अनुकूल फैसला किया जायेगा. जो दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देगा, आप का उसे समर्थन मिलेगा.
केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव में ‘आप’ और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं हो पाने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ट्विटर पर गठबंधन करने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने कहा, कांग्रेस के बार-बार अपनी शर्तें बदलने से साबित हो गया कि उसकी मंशा गठबंधन करने की नहीं थी. आप प्रमुख ने बताया कि पिछले सप्ताह मंगलवार को कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने आप सांसद संजय सिंह से मुलाकात कर दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ की 18 सीटों पर गठबंधन के लिए सहमति दी थी. आजाद ने कहा था कि वह कांग्रेस नेतृत्व से मंजूरी लेकर बुधवार को संयुक्त रूप से गठबंधन की घोषणा कर देंगे. केजरीवाल ने कहा कि अगले ही दिन आजाद ने फोन कर अपनी शर्तें बदल कर सिर्फ दिल्ली में गठबंधन करने की बात कही. इससे साफ हो गया कि कांग्रेस गठबंधन करने की इच्छुक नहीं थी.
केजरीवाल ने कहा कि राहुल गांधी ने पहले ट्विटर पर और फिर मीडिया में अंतिम क्षण तक गठबंधन के लिए तैयार रहने का बयान दिया. उन्होंने कहा, मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि ट्विटर और अखबारों की सुर्खियों के जरिये दुनिया का कौन सा गठबंधन हुआ है. उन्होंने कहा कि इसका मतलब वह गठबंधन करना नहीं चाहते हैं, बल्कि दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि वह गठबंधन के लिए इच्छुक थे. असल में उनकी मंशा गठबंधन करने की नहीं, बल्कि भाजपा को मदद पहुंचाने की थी. केजरीवाल ने आप और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे के चार तीन के फार्मूले को भाजपा के लिये फायदेमंद बताते हुए दावा किया कि कांग्रेस जो तीन सीट मांग रही थी उन्हें देने पर वे तीनों सीटें भाजपा की झोली में जायेंगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को तीन सीट देकर भाजपा को तीन सीटें जीतने का मौका देने के बजाय आप अपने बलबूते, सातों सीट पर भाजपा को कड़ी चुनौती देकर हराना पसंद करेगी.