बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना दबाव वाला क्षेत्र चक्रवाती तूफान में तब्दील

चेन्नई : क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने शनिवार को कहा कि दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना दबाव वाला क्षेत्र एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है. इसे ‘फोनी’ नाम दिया गया है. मौसम केंद्र की ओर से जारी एक संदेश में कहा गया, ‘दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरे दबाव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 27, 2019 6:11 PM

चेन्नई : क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने शनिवार को कहा कि दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना दबाव वाला क्षेत्र एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है. इसे ‘फोनी’ नाम दिया गया है. मौसम केंद्र की ओर से जारी एक संदेश में कहा गया, ‘दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र एक चक्रवाती तूफान फोनी (FONI) में तब्दील हो गया है और यह 27 अप्रैल को भारतीय समयानुसार पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे चेन्नई से लगभग 1190 किलोमीटर दक्षिणपूर्व में केंद्रित था.’

क्षेत्रीय चक्रवात चेतावनी केंद्र के निदेशक एस बालचंद्रन ने कहा कि ‘फोनी’ के अगले 24 घंटे में एक प्रचंड चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के सुझाव पर तूफान का नाम ‘फोनी’ रखा गया है. यह तूफान उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा और 30 अप्रैल को उत्तर तमिलनाडु और दक्षिण आंध्र प्रदेश तटों के पास पहुंचेगा.

उन्होंने कहा कि हालांकि फिलहाल तूफान के तमिलनाडु तट को पार करने की ‘कम उम्मीद’ है, लेकिन इस पर नजर रखी जा रही है. इस बीच, भारतीय मौसम विभाग ने 29 और 30 अप्रैल को केरल में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा और छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा होने का अनुमान जताया है. विभाग ने कहा है कि 30 अप्रैल और एक मई को उत्तर तटीय तमिलनाडु और तटीय आंध्र प्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है.

मौसम विभाग ने कहा कि अगले दो दिनों में भू-मध्यरेखीय हिंद महासागर और उससे सटे दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में हवा की गति बढ़कर अधिकतम 145 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है. इन क्षेत्रों में समुद्र बहुत ऊंची लहरें उठ रही थीं. भारतीय मौसम विभाग ने मछुआरों को सलाह दी कि वे 27 अप्रैल से एक मई के बीच श्रीलंका, पुडुचेरी, तमिलनाडु और दक्षिण आंध्रप्रदेश के तटों से समुद्र में न उतरें. विभाग ने कहा कि जो गहरे समुद्री क्षेत्रों में हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे 28 अप्रैल तक तटों को लौट आयें.

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