नयी दिल्ली: गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई सरकार ने विकास का लक्ष्य प्राप्त करने को लेकर संरचनात्मक सुधारों का पहला बजट पेश किया. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने नरेंद्र मोदी सरकार का पहला बजट पेश करते हुए आर्थिक विकास की धीमी रफ्तार पर चिंता जताई और इसे तेज करने के लिए सुधार के कदम उठाने का वादा किया. वित्तमंत्री ने कहा, भारत की जनता ने बदलाव के लिए हमें निर्णायक वोट दिया है. मेरे द्वारा बजट में उठाए गए कदमों का लक्ष्य अगले तीन-चार साल में विकास दर को सात से आठ फीसदी तक पहुंचाना, महंगाई को कम करना, वित्तीय घाटे को कम करना और चालू खाते के घाटे को कम करना होगा.
मोदी सरकार के पहले बजट में आम आदमी को राहत देने की कोशिश की गई. टैक्स का बोझ कम तो हुआ ही है, कई सामान भी सस्ते हुए हैं.अब 2.5 लाख रुपये तक की सालाना आय पर आयकर नहीं लगेगा. इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों (सीनियर सिटीजन) के लिए आयकर छूट सीमा 3 लाख रुपये की गई है. आयकर छूट की सीमा बढ़ने से टैक्स बोझ में 5000 रुपये की कमी आएगी, इसमें निवेश पर आयकर छूट शामिल नहीं है.
सेक्शन 80सी के तहत निवेश पर टैक्स छूट सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दी है. साथ ही होमलोन के ब्याज पर बड़ी छूट भी दी है. अब 1.5 लाख रुपये के बजाए 2 लाख रुपये तक के होमलोन के ब्याज पर टैक्स छूट मिलेगी. पीपीएफ में निवेश की सीमा बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई है.
वहीं बजट में जूते-चप्पल, छोटे फ्लैट टीवी, स्पोर्ट्स का सामान, साबुन, कंप्यूटर, ब्रांडेड कपड़े, पैकेज्ड फूड और सोलर प्रोडक्ट्स सस्ते हुए हैं. हालांकि, सरकार ने तंबाकू उत्पादों पर टैक्स बढ़ाया है. सिगरेट, तंबाकू, पान मसाला महंगे होंगे. साथ ही कोल्ड ड्रिंक, इंपोर्टेड मोबाइल, रेडियो टैक्सी सेवा महंगे हो गए हैं.
एक नजर में:
सस्ता हुआ
छोटे टीवी, 19 इंच से कम साइज़ के एलसीडी/एलईडी, निजी कंप्यूटर, साबुन, जूते, तेल से बने उत्पाद.
महंगा हुआ
सिगरेट, तंबाकू, कॉस्मेटिक, कोल्ड ड्रिंक्स, रेडीमेड कपड़े, आयातित इलेक्ट्रॉनिक सामान.
आयकर सीमा
छूट की सीमा दो लाख से बढ़ाकर 2.50 लाख, रेट में कोई बदलाव नही. वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर सीमा 2.50 लाख से बढ़ाकर 3 लाख
भविष्य निवेश निधि
एक लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपए कर दी गई है.
कौन-कौन से नए संस्थान खुलेंगे
चार नए एम्स, पांच नए आईआईटी, पांच नए आईआईएम, बारह नए मेडिकल कॉलेज शुरू करेगी. 500 करोड़ रुपए का प्रावधान
युवाओं, ग़रीब नौजवानों के लिए
छोटे और मझोले उद्योगों के लिए एसएमई दोबारा परिभाषित करेगी. स्टार्ट-अप्स के लिए 10,000 करोड़ रुपए का फंड.
आवासीय ऋण
ब्याज पर टैक्स कटौती सीमा बढ़ाकर दो लाख रुपए करने का प्रस्ताव.