अरुण जेटली : विद्यार्थी परिषद से वित्तमंत्री तक का सफर
नयी दिल्लीः एक पंजाबी ब्राह्मण परिवार में जन्मे अरुण जेटली (61वर्ष) के राजनैतिक जीवन की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से हुई थी.शुरू से ही मेधावी छात्र रहे अरुण जेटली ने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलकर कानून की पढ़ाई की. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी की है. दिल्ली विश्वविद्यालय में उन्हें […]
नयी दिल्लीः एक पंजाबी ब्राह्मण परिवार में जन्मे अरुण जेटली (61वर्ष) के राजनैतिक जीवन की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से हुई थी.शुरू से ही मेधावी छात्र रहे अरुण जेटली ने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलकर कानून की पढ़ाई की. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी की है. दिल्ली विश्वविद्यालय में उन्हें छात्र संघ का अध्यक्ष चुना गया . 1982 में उनकी शादी संगीता जेटली से हुई.
1975 में इमरजेंसी के दौरान उन्हें 19 महीनों के लिए जेल जाना पड़ा. जेल से निकलने के तुरंत बाद वे जनसंघ से जुड़ गये. जय प्रकाश नारायण और राज नारायण के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में वे मजबूत नेता के रूप में सामने आये.1977 में एडिशनल सॉलिसिटर जेनरल का कार्यभार संभाला और बोफोर्स कांड की छानबीन में मुख्य भूमिका निभाई.
1991 से बीजेपी के नेशनल एक्जिक्यूटिव के पद पर कार्य किया. 1999 में वाजपेयी सरकार में जेटली बीजेपी के प्रवक्ता चुने गए.जुलाई 2000 में राम जेठमलानी के इस्तीफे के बाद इन्हें केंद्रीय कानून, न्याय और कंपनी मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया.
2000 में केंद्रीय मंत्री बनाये गये. 2002 में बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव के रूप में कार्यभार संभाला.2004 में एनडीए की हार के बाद जेटली अपने पेशे में सक्रिय हो गये. 2009 में राज्यसभा से विपक्ष के नेता के रूप मे चुने गए.सोलहवीं लोकसभा का चुनाव अमृतसर से हारने के बावजूद मोदी सरकार में उन्हें रक्षा और वित्त मंत्नालय का कार्यभार सौंपा.