सत्ता में वापसी पर राष्ट्रद्रोह कानून को और कड़ा बनाएंगे ताकि राष्ट्रद्रोहियों की रूह कांप उठे : राजनाथ सिंह

नयी दिल्ली : वरिष्ठ भाजपा नेता और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को दिल्ली के शास्त्री पार्क में आयोजित एक रैली में कहा कि उनकी पार्टी के सत्ता में लौटने पर राष्ट्रद्रोह कानून की समीक्षा करेगी. अगर उसमें कोई खामी हुई तो उसमें संशोधन कर इस कानून को और अधिक सख्त बनाएगी. दिल्ली के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 2, 2019 6:20 AM
नयी दिल्ली : वरिष्ठ भाजपा नेता और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को दिल्ली के शास्त्री पार्क में आयोजित एक रैली में कहा कि उनकी पार्टी के सत्ता में लौटने पर राष्ट्रद्रोह कानून की समीक्षा करेगी. अगर उसमें कोई खामी हुई तो उसमें संशोधन कर इस कानून को और अधिक सख्त बनाएगी.
दिल्ली के शास्त्री पार्क में पार्टी के उम्मीदवारों मनोज तिवारी और गौतम गंभीर के समर्थन में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि वह महाराष्ट्र के उन पुलिसकर्मियों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जो नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले में एक आईईडी विस्फोट में मारे गए. गृह मंत्री ने कहा, ‘‘ सत्ता में लौटने पर हम देखेंगे कि क्या राष्ट्रद्रोह कानून में किसी प्रकार की खामियां हैं.
हम इसे इतना कड़ा बनाएंगे ताकि राष्ट्रद्रोहियों की रूह कांप उठे.” उन्होंने बालाकोट हवाई हमले में मारे गए आतंकवादियों की संख्या पर सवाल उठाने वाले विपक्ष पर भी निशाना साधा. सिंह ने कहा,‘‘ हमलों के बाद क्या हमारे जवानों को शवों को गिनने के लिए रूकना चाहिए? केवल गिद्ध शवों की गिनती करते हैं, योद्धा नहीं .” उन्होंने दावा किया कि मोदी के पांच साल के शासनकाल में नक्सल और आतंक संबंधी हिंसक वारदातों में 65 प्रतिशत की कमी आई है.
उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या भी पहले की 126 से घटकर 82 हो गई है. उन्होंने गढ़चिरौली में हुये नक्सली हमले को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के इस्तीफे की कांग्रेस की मांग की आलोचना की. गृहमंत्री ने कहा कांग्रेस आतंकवादियों के खिलाफ सफलतापूर्वक की गई सर्जिकल स्ट्राइक और हवाई हमलों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा क्यों नहीं करती जैसा कि 1971 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सभी लोगों ने की थी और इसमें अटल बिहारी वाजपेयी भी शामिल थे. उन्होंने आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार पर हमला बोलते हुये कहा कि 2015 में सत्ता में आने से पहले जो उसने वादे किए थे उनपर अमल नहीं किया गया.

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