मुस्लिम शैक्षणिक संगठन ने छात्राओं के चेहरा ढंकने वाले कपड़े पर लगायी पाबंदी

तिरुवनंतपुरम : देश में राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर बुर्के पर प्रतिबंध लगाने को लेकर छिड़ी बहस के बीच केरल में एक मुस्लिम शैक्षणिक संगठन ने अपने संस्थानों के परिसरों में किसी भी कपड़े से छात्राओं के चेहरा ढंकने पर पाबंदी लगा दी है. कोझिकोड के मुस्लिम एजुकेशन सोसाइटी (एमईएस) ने एक परिपत्र जारी करते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 3, 2019 10:17 AM

तिरुवनंतपुरम : देश में राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर बुर्के पर प्रतिबंध लगाने को लेकर छिड़ी बहस के बीच केरल में एक मुस्लिम शैक्षणिक संगठन ने अपने संस्थानों के परिसरों में किसी भी कपड़े से छात्राओं के चेहरा ढंकने पर पाबंदी लगा दी है.

कोझिकोड के मुस्लिम एजुकेशन सोसाइटी (एमईएस) ने एक परिपत्र जारी करते हुए अपने छात्राओं से अपील की है कि वे चेहरा ढंकने वाला कोई भी कपड़ा पहनकर कक्षा में उपस्थित न हों. यह मुस्लिम शैक्षणिक संगठन एक प्रगतिशील समूह है और यह प्रोफेशनल कॉलेज सहित कई शिक्षण संस्थान चलाता है. हालांकि परिपत्र में जारी किये गये ड्रेस कोड का रूढ़िवादी मुस्लिम संगठनों और विद्वानों ने विरोध किया है.

वहीं एमईएस का कहना है कि महिलाओं का चेहरा ढंकना एक नया चलन है और राज्य में इस समुदाय के भीतर पहले यह नहीं था. परिपत्र में एमईएस संस्थानों के अध्यक्ष पी के फजल गफूर ने कहा है कि यह निर्देश 2019-20 शैक्षणिक वर्ष से लागू होंगे. इस कदम को वापस लेने की मांग के बीच गफूर ने स्पष्ट कर दिया कि एमईएस अपने इस फैसले पर आगे बढ़ेगा.

उन्होंने कहा कि ‘धार्मिक कट्टपंथ’ के नाम पर थोपे जा रहे ड्रेस कोड को लागू करने के लिये एमईएस तैयार नहीं है. एमईएस की आलोचना करते हुए एक मुस्लिम रूढ़िवादी संगठन ‘संस्था’ ने कहा कि यह परिपत्र ‘गैर इस्लामिक’ है और इसे वापस लेना चाहिए. संस्था के एक सदस्य उमर फैज ने कहा, ‘‘ इस्लामिक नियम के अनुसार महिलाओं के शरीर का कोई अंग नहीं दिखना चाहिए. एमईएस को कोई अधिकार नहीं है कि वह चेहरों को ढंकने वाले कपड़े पर प्रतिबंध लगाए। इस्लामिक नियमों का पालन होना चाहिए.”

श्रीलंका में ईस्टर संडे के मौके पर हुए विस्फोटों के बाद वहां की सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को आधार बनाते हुए बुर्का और मास्क पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है. श्रीलंका सरकार के इस फैसले का स्वागत शिवसेना ने बुधवार को किया और मोदी सरकार से भी ऐसा निर्णय लेने की अपील की.

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