चक्रवात ‘फणी” : ओड़िशा में आठ लोगों की मौत, बिजली व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त

भुवनेश्वर/कोलकाता : भारी बारिश और 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली प्रचंड हवाओं के साथ चक्रवाती तूफान ‘फणी’ ने शुक्रवार सुबह ओड़िशा तट पर दस्तक दी. इससे कम से कम आठ लोग मारे गये हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. तटीय राज्यों में रेड अलर्ट जारी किया गया है और मछुआरों को समुद्र में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 3, 2019 11:09 PM

भुवनेश्वर/कोलकाता : भारी बारिश और 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली प्रचंड हवाओं के साथ चक्रवाती तूफान ‘फणी’ ने शुक्रवार सुबह ओड़िशा तट पर दस्तक दी. इससे कम से कम आठ लोग मारे गये हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. तटीय राज्यों में रेड अलर्ट जारी किया गया है और मछुआरों को समुद्र में नहीं उतरने को कहा गया है.

पूर्व तट रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हावड़ा-चेन्नई मार्ग पर करीब 220 ट्रेनें रद्द कर दी गयी हैं. तूफान के पश्चिम बंगाल की ओर बढ़ने के मद्देनजर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अगले 48 घंटे के लिए पूर्वनियोजित अपनी सभी चुनावी रैलियों को रद्द कर दिया है और स्थति पर नजर रख रही हैं. ओड़िशा में तूफान के कारण कई पेड़ उखड़ गये और झोपड़ियां उजड़ गयीं. साथ ही कई शहर और गांव जलमग्न हो गये. चक्रवाती तूफान फणी ने सुबह करीब आठ बजे राज्य की धार्मिक नगरी पुरी में दस्तक दी. बांग्ला में इस तूफान का नाम ‘फणी’ उच्चारित किया जाता है, जिसका अर्थ ‘सांप का फण’ है. भारी बारिश के कारण प्रभावित इलाकों में स्थित घर डूब गये. वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक अब तक कम से कम आठ लोग मृत बताये जा रहे हैं. कई इलाकों से सूचना का इंतजार है.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पुरी जिले में एक किशोर सहित तीन लोगों, भुवनेश्वर और आसपास के इलाकों में तीन लोगों के मारे जाने की खबर है. एक कंक्रीट के मलबे की चपेट में आने से नयागढ़ में एक महिला की मौत हो गयी, जबकि केंद्रपाड़ा जिले में एक राहत शिविर में एक बुजुर्ग महिला की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी. ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने स्थिति की समीक्षा की है. उन्होंने कहा कि पुरी जिला को भारी नुकसान पहुंचा है, जहां चक्रवात ने सबसे पहले दस्तक दी. उन्होंने कहा, बिजली आपूर्ति का बुनियादी ढांचा पूरी तरह से नष्ट हो गया. बिजली आपूर्ति बहाल करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है. बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए सैकड़ों इंजीनियर और तकनीशियन युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं. पटनायक ने कहा कि सड़क संपर्क बहाल करने के लिए कार्य जारी है.

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि चक्रवात अब भी ओड़िशा से गुजर रहा है. नुकसान के आकलन करने में वक्त लगेगा. भुवनेश्वर स्थित मौसम विभाग केंद्र के निदेशक एचआर विश्वास ने फाेणी के दस्तक देने के शीघ्र बाद बताया कि चक्रवात करीब 30 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है. हालांकि, कुछ देर के अंदर हवाओं ने 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ ली. राज्य की राजधानी भुवनेश्वर में भी नुकसान पहुंचा है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के डीआईजी रणदीप राणा ने कहा कि एहतियात बरतने की वजह से अब तक अधिक लोगों के हताहत होने की खबर नहीं है. मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य प्रशासन ने चक्रवात से पहले करीब 10,000 गांवों और 52 शहरी इलाकों से करीब 11 लाख लोगों को हटा लिया था जो देश में प्राकृतिक आपदा के समय संवेदनशील जगहों से लोगों को निकालने का संभवत: अब तक का सबसे बड़े पैमाने पर किया गया बचाव कार्य है. ये सभी लोग 4,000 से अधिक शिविरों में ठहरे हुए हैं जिनमें से विशेष रूप से चक्रवात के लिए बनाये गये 880 केंद्र शामिल हैं.

विशेष राहत आयुक्त बीपी सेठी ने बताया कि चक्रवाती तूफान के दस्तक देने के बाद से यह खुर्दा, कटक, जयपुर, भद्रक और बालेश्वर की ओर बढ़ रहा है. इसके बाद यह पश्चिम बंगाल में दस्तक देगा. उन्होंने कहा कि भुवनेश्वर में करीब 140 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से तूफान ने दस्तक दी. राज्य की राजधानी भुवनेश्वर एवं अन्य कई इलाकों में संचार लाइनें बाधित हो गयी हैं. मोबाइल टावर क्षतिग्रस्त हो गये हैं और कई जगहों पर बिजली की आपूर्ति ठप हो गयी है. भुवनेश्वर से मिली खबर के अनुसार कई पेड़ टूटकर गिर गये हैं जिससे सड़कें बाधित हो गयी हैं. पुरी, खुर्दा और कटक जिलों में फूस के मकान और पुराने मकानों को बड़े पैमाने पर नुकसान होने की खबर है. उन्होंने बताया कि ग्रीष्मकालीन फसलों और बागानों को भी भारी नुकसान पहुंचा है. राष्ट्रीय टीवी चैनलों ने भुवनेश्वर में एक बस को तेज हवाओं के प्रभाव से डगमगाते दिखाया गया है. वहीं एक पुलिस बूथ राजमार्ग पर 200 फुट तक घसीट कर चला गया.

भुवनेश्वर हवाई अड्डा शुक्रवार को भी बंद रहा, जबकि पारादीप और गोपालपुर बंदरगाह भी एहतियाती कदम उठाते हुए बंद कर दिये गये थे. एक अधिकारी ने बताया कि भुवनेश्वर हवाईअड्डा पर उपकरणों को भारी नुकसान पहुंचा है, लेकिन उड़ानों का परिचालन शनिवार दोपहर एक बजे से शुरू होने की उम्मीद है. रेलवे चक्रवात प्रभावित ओड़िशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के लिए राहत सहायता सामग्री मुफ्त में पहुंचाएगा। रेलवे ने इस सिलसिले में कुछ दिशानिर्देश जारी किये हैं और सभी डिविजनल रेलवे मैनजरों को पत्र लिख कर कहा है कि सभी सरकारी संगठन प्रभावित राज्यों के लिए राहत सामग्री मुफ्त में बुक कर सकते हैं. ओड़िशा में फणी के दस्तक देने के बाद पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल भी इसके प्रकोप से खुद को बचाने के लिये तैयारी कर रहा है. कोलकाता में बादल घिरे हैं और शुक्रवार सुबह से कई अन्य इलाकों में भी बारिश हुई है. राज्य की राजधानी के कई हिस्सों में जलजमाव हो गया है.

मौसम विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, चक्रवात सप्ताहांत तक पश्चिम बंगाल में दस्तक दे सकता है. 100 और 110 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी. पूर्वी और पश्चिमी मिदनापुर सहित कई जिलों, उत्तर और दक्षिण 24 परगना के अलावा हुगली, झारग्राम, कोलकाता और सुंदरबन के भी चक्रवात से प्रभावित होने की संभावना है. इसके बाद बांग्लादेश की ओर बढ़ते हुए इसका असर कम होता जायेगा. नयी दिल्ली स्थित विमानन नियामक संस्था डीजीसीए ने बताया कि कोलकाता हवाईअड्डे पर शुक्रवार दिन में तीन बजे से शनिवार सुबह आठ बजे तक न तो कोई विमान हवाईअड्डा पर उतरेगा और न ही वहां से उड़ान भरेगा. नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने शुक्रवार को कई ट्वीट कर बताया कि सभी एयरलाइनों को चक्रवात फोनी से प्रभावित यात्रियों की चिंताओं पर निश्चित रूप से तत्काल जवाब देना चाहिए. उन्होंने ट्वीट किया, हम सभी चक्रवात फणी के चलते फंसे हुए जरूरतमंद लोगों को मदद उपलब्ध कराने के लिए तैयार हैं. प्रभावित यात्रियों की सहायता के लिये नियंत्रण कक्ष, हेल्पलाइनें हर समय चालू हैं. सभी एयरलाइनों को निश्चित रूप से यात्रियों की चिंताओं पर तत्काल जवाब देना चाहिए.

प्रभु ने यह भी कहा कि राहत एवं बचाव अभियान में प्रभावित राज्यों की मदद के लिये उनका मंत्रालय उन राज्यों की सरकारों से संपर्क में रहेगा. गृह मंत्रालय ने कहा है कि चक्रवातफणी का केंद्र सुबह 10 बजे तक स्थलीय क्षेत्र में पहुंच गया जिससे इसकी प्रचंडता कम हो गयी. हालांकि, इस चक्रवात के कारण ओड़िशा, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), नौसेना, तटरक्षक बल, सेना और वायु सेना के बचाव कर्मियों को तैनात किया गया है और केंद्र सरकार स्थिति पर करीबी नजर रख रही है गृह मंत्रालय नियंत्रण कक्ष में हेल्पलाइन नंबर 1938 शुरू किया गया है. एनडीआरएफ ने 60 टीमों को तैनात किया है, जबकि 25 टीमों को तैयार रखा है. हर टीम में 45 सदस्य होते हैं. भारतीय नौसेना ने राहत कार्यों के लिए पूर्वी तट पर छह पोतों को तैनात किया है, जबकि पांच पोतों, छह विमानों और सात हेलीकॉप्टरों को विशाखापत्तनम में तैयार रखा गया है. वहीं, भारतीय वायु सेना ने राहत कार्यों के लिए दो सी-17 विमान तैनात किये हैं, जबकि दो सी-130 और चार एएन-32 विमानों को तैयार रखा गया है. भारतीय तटरक्षक बल ने छह पोत तैनात किये हैं और छह पोतों को तैयार रखा है. शिलांग से प्राप्त खबर के मुताबिक मेघालय सरकार ने चक्रवात फोनी के मद्देनजर राज्य में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की एक पलटन तैनात करने की मांग की है. गुवाहाटी से प्राप्त समाचार के मुताबिक, असम सरकार ने सभी जिला उपायुक्तों और संबद्ध एजेंसियों को अलर्ट पर रहने को कहा है.

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