तिरुवनंतपुरम : मिजोरम से अपना स्थानांतरण किये जाने से नाराज नगालैंड के राज्यपाल वक्कोम बी पुरुषोत्तमन ने आज पद से इस्तीफा दे दिया. 86 वर्षीय पुरुषोत्तमन ने बताया कि उन्होंने आज सुबह राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को अपना इस्तीफा भेज दिया.
हालांकि, अपने इस्तीफा पत्र में उन्होंने कोई राजनीतिक या प्रक्रियागत मुद्दा नहीं उठाया है. पुरुषोत्तमन ने संवाददाताओं से कहा कि राजग के सत्ता में आने के बाद से राज्यपालों से जिस तरह का सलूक हो रहा है वह ठीक नहीं है.
उन्होंने कहा, राज्यपाल संवैधानिक प्राधिकार है. अन्य किसी सरकारी अधिकारी की तरह उनका स्थानांतरण निहायत ही अनुचित है. यह ठीक नहीं है. केरल में यूडीएफ सरकार में अहम विभाग की जिम्मेदारी संभाल चुके और दो बार कांग्रेस सांसद रहे पुरुषोत्तमन ने कहा, मुझे लगता है कि राज्यपाल की मर्यादा का अपमान हुआ है. उन्होंने कहा, स्थानांतरण मुझसे मशविरा किये बिना किया गया.
हालांकि पुरुषोत्तमन ने कहा कि उनसे किसी ने इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा लेकिन गृह सचिव द्वारा कथित तौर जिस तरह संप्रग कार्यकाल के कुछ अन्य राज्यपालों को पद छोड़ने के लिए कहा गया उस पर उन्हें गंभीर आपत्ति है.
उन्होंने कहा, यह एक गंभीर भूल थी. एक सचिव कैसे राज्यपाल को कॉल कर इस्तीफे के लिए कह सकता है ? पुरुषोत्तमन ने कहा कि वह कांग्रेस कार्यकर्ता के तौर पर राजनीति में वापसी करेंगे लेकिन चुनावी पद नहीं चाहते हैं. 6 जुलाई को राज्यपालों के फेर बदल में गुजरात की राज्यपाल कमला बेनीवाल का स्थानांतरण मिजोरम कर दिया गया जबकि पुरुषोत्तमन का स्थानांतरण कर नगालैंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया. उन्हें त्रिपुरा के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया.
राजग सरकार द्वारा कथित रुप से कहे जाने के बाद बी एल जोशी (उत्तरप्रदेश), एम के नारायणन (पश्चिम बंगाल), शेखर दत्त (छत्तीसगढ़), अश्विनी कुमार (नगालैंड) और बी वी वांचू (गोवा) ने इस्तीफा दे दिया.