पाकिस्तान सीमा पर बढ़ेगी भारत की ताकत, सेना में शामिल होंगे 460 नये T-90 टैंक

नयी दिल्लीः पाकिस्तान के साथ संबंधों में जारी तनातनी के बीच भारत अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाने में जुटा है. भारतीय सेना को 460 अतिरिक्त टी-90 ‘भीष्म’ की आपूर्ति होगी. नए टी-90 टैंक अपग्रेडेड होंगे और खास बात यह कि यह मेक इन इंडिया होगा. भारत सरकार ने इसके लिए रूस से 13,448 करोड़ रुपये का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 7, 2019 8:03 AM

नयी दिल्लीः पाकिस्तान के साथ संबंधों में जारी तनातनी के बीच भारत अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाने में जुटा है. भारतीय सेना को 460 अतिरिक्त टी-90 ‘भीष्म’ की आपूर्ति होगी. नए टी-90 टैंक अपग्रेडेड होंगे और खास बात यह कि यह मेक इन इंडिया होगा. भारत सरकार ने इसके लिए रूस से 13,448 करोड़ रुपये का रक्षा सौदा किया है. ये सभी टैंक साल 2022-2026 तक सेना को मिल जाएंगे.

भारतीय सेना इन टैंक को पाकिस्तान से सटी सीमा पर तैनात करेगी. रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, एक महीने पहले ही रूस ने भारत को अधिग्रहण लाइसेंस को मंजूरी दी है. 464 टी-90 टैंकों के उत्पादन के लिए इंडेंट (मांगपत्र) जल्द ही ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के तहत चेन्नई के अवाडी हेवी वीइकल फैक्ट्री (एचवीएफ) में होगा. गौरतलब है कि सेना के 67 बख्तरबंद रेजिमेंट में पहले से ही 1,070 टी-90 टैंक, 124 अर्जुन और 2,400 पुराने टी-72 टैंक मौजूद हैं.

शुरुआती 657 टी-90 टैंक 2001 से रूस से 8,525 करोड़ रुपये में आयात किए गए थे. अन्य 1000 टैंकों का लाइसेंस लेने के बाद इन्हें एचवीएफ ने रशियन किट से बनाया है. बता दें कि यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब 1.3 मिलियन की मजबूत सेना युद्ध लड़ने वाली अपनी पूरी मशीनरी को फिर से तैयार कर रही है. उधर, पाकिस्तान भी रूस के साथ लगभग 360 ऐसे ही टैंक हासिल करने के लिए एक समझौते पर चर्चा कर रहा है।

भारत ने 2001 में खरीदा था टी-90 भीष्म टैंक
बता दें कि भारत ने रूस से 2001 में ‘टी-90 भीष्म’ टैंक खरीदा था. भारत ने 10 हजार करोड़ रुपए की डील से ऐसे 310 टैंक खरीदे, जिसमें से 120 टैंक बने बनाए मिले और 90 सेमी-असेंबल मिले थे. इसके अलावा अन्‍य 100 टैंकों को भारत में तैयार किया गया.
टी-90 भीष्म टैंक की खासियत
टी-90 भीष्‍म टैंक को रूस ने वर्ष 1993 में बनाया था. इस टैंक में 125 मिमी स्मूथबोर गन लगी हुई है, जो इसे ताकतवर बनाती है. भीष्म टैंक एंटी टैंक मिसाइल भी छोड़ने में सक्षम है. यह टैंक 100 मीटर से लेकर चार किलोमीटर की दूरी तक विरोधी टैंक को अपना निशाना बना सकता है.भीष्म में रात में देखने में काम आने वाले उपकरण और हर तरह के गोले दाग सकता है.

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