Loading election data...

अमेरिका ने किया था मोदी को वीजा देने से इनकार, अब जोरदार स्वागत की तैयारी

नयी दिल्लीः देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सफर बेहद रोचक रहा है. एक साधारण परिवार से देश के प्रधानमंत्री तक का सफर उनके लिए आसान नहीं था. आरएसएस के बाद भाजपा से जुड़ें मोदी पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर अपने राज्य को विकास मॉडल के रुप में पहचान दे चुके हैं. मोदी की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 11, 2014 4:10 PM

नयी दिल्लीः देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सफर बेहद रोचक रहा है. एक साधारण परिवार से देश के प्रधानमंत्री तक का सफर उनके लिए आसान नहीं था. आरएसएस के बाद भाजपा से जुड़ें मोदी पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर अपने राज्य को विकास मॉडल के रुप में पहचान दे चुके हैं. मोदी की मेहनत और उनकी रणनीति का ही नतीजा है कि विश्व की सबसे बड़ी शक्ति अमेरिका को भी मोदी के सामने झुकना पड़ा. एक वक्त था जब मोदी को अमेरिका ने वीजा देने से इनकार कर दिया था. आज पलके बिझाये मोदी के स्वागत के स्वागत में खड़ा है. अमेरिका आज मोदी के सामने नतमस्तक हुआ है तो उसका सबसे बड़ा कारण दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है.

अमेरिका ने किया था मोदी को वीजा देने से इनकार

2002 के गुजरात दंगा के बाद नरेंद्र मोदी की छवि एक कट्टरवादी नेता के रुप में बदल गयी. देश के साथ- साथ विदेशो में भी गुजरात दंगा की चर्चा होने लगी. अटल बिहारी वाजपेयी को भी बीच- बचाव करना पड़ा और उन्होंने मोदी को राजधर्म का पालन करने की सलाह दी. गुजरात के विकास मॉडल के साथ- साथ मोदी पर गुजरात दंगा काले धब्बे की तरह साथ चलता रहा. मोदी ने जब अमेरिका जाने के लिए वीजा मांगा, तो उन्हें गुजरात दंगा का हवाला देते हुए वीजा देने से मना कर दिया गया .

नैंसी पॉवेल और मोदी की मुलाकात

अमेरिका को मोदी की ताकत का अंदाजा होने लगा था. भाजपा के चुनावी मैदान में उतरने के बाद मोदी का महत्व भी अंतराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ने लगा था. नैंसी पॉवले और नरेंद्र मोदी की मुलाकात ने अमेरिकी वीजा मामले में नयी जान फूंक दी. मोदी लगभग नौ साल से अमेरिका का विरोध झेल रहे थे. मोदी और नैंसी की मुलाकात का एजेंडा सार्वजनिक नहीं किया गया, जबकि अमेरिका ने इसे यह भारतीय नेताओं के साथ बढ़ते संपर्क-संवाद का हिस्सा है. अमेरिका ने गुजरात दंगों के बाद से मोदी को सांप्रदायिक नेता बताते हुए उनसे मुंह मोड़ रखा था और 2005 से वीजा देने से इनकार कर रखा था.

बाहें फैलाये मोदी के इंतजार में अमेरिका

प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने शार्क देशों को निमंत्रण देकर अपनी विदेश नीति को साफ कर दिया. अमेरिका भारत के साथ अपने रिश्ते को और मजबूत करना चाहता है. भारत भी इन रिश्तों में मजबूती चाहता है यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर में अमेरिका आने के वहां के राष्ट्रपति बराक ओबामा के औपचारिक न्योते को स्वीकर कर लिया है.ओबामा ने मई में आम चुनावों में जीत हासिल करने के लिए नरेंद्र मोदी को बधाई दी थी और उन्हें अमेरिका आने का न्योता दिया था. अब ओबामा ने अपने उप विदेश मंत्री विलियम बर्न्स के हाथों एक चिट्ठी भेजकर मोदी को अमेरिका आने का औपचारिक न्योता दिया है. अमेरिका मोदी को प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही अमेरिका आने का न्यौता दे रहा है.

Next Article

Exit mobile version