नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे, तो गांधी परिवार युद्धपोत आईएनएस विराट का उपयोग निजी टैक्सी के रूप में करता था.
राजधानी में सात संसदीय सीटों के लिए 12 मई को होने वाले चुनाव से पहले यहां अपनी पहली रैली में मोदी ने आरोप लगाया कि गांधी परिवार ने छु्ट्टियों के लिए युद्धपोत का उपयोग कर इसका अपमान किया. मोदी ने इससे पहले राजीव गांधी पर आरोप लगाया था कि उनका अंत ‘भ्रष्टाचारी नंबर 1′ के रूप में हुआ. प्रधानमंत्री ने दावा किया कि राजीव गांधी के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार और नौसेना ने उनके परिवार एवं ससुराल पक्ष की मेजबानी की और उनकी सेवा में एक हेलीकाप्टर को भी लगाया गया. मोदी ने कहा, आईएनएस विराट का इस्तेमाल एक निजी टैक्सी की तरह करके इसका अपमान किया गया. यह तब हुआ जब राजीव गांधी एवं उनका परिवार 10 दिनों की छुट्टी पर गये हुए थे.
आईएनएस विराट को हमारी समुद्री सीमा की रक्षा के लिए तैनात किया गया था, किंतु इसका मार्ग बदल कर गांधी परिवार को लेने के लिए भेजा गया जो अवकाश मना रहा था. उन्होंने यह भी दावा किया कि गांधी परिवार को लेने के बाद आईएनएस विराट द्वीप पर 10 दिनों तक खड़ा रहा. मोदी ने सवाल किया, राजीव गांधी के साथ उनके ससुराल के लोग भी थे जो इटली से आये थे. सवाल यह है कि क्या विदेशियों को एक युद्धपोत पर ले जाकर देश की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया गया? विमान वाहक आईएनएस विराट को भारतीय नौसेना में 1987 में सेवा में लिया गया था. करीब 30 वर्ष तक सेवा में रहने के बाद 2016 में इसे सेवा से अलग किया गया.
परोक्ष रूप से आम आदमी पार्टी पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने (आप) टुकड़े-टुकड़े गैंग का समर्थन किया और राष्ट्रीय राजधानी में शासन का नाकामपंथी मॉडल लेकर आये. ‘आप’ का नाम लिये बिना उन्होंने कहा, दिल्ली शासन का नाकामपंथी मॉडल देख रही है. लोग यहां देश बदलने आये थे, लेकिन खुद बदल गये. उन्होंने भारत के दुश्मनों को मजबूत किया. आप सरकार के संदर्भ में नाकामपंथी की व्याख्या करते हुए मोदी ने कहा कि इसका मतलब है दिल्ली के अस्पतालों में केंद्र की आयुष्मान भारत योजना को अनुमति नहीं देना. उन्होंने कहा कि इस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल का निर्माण कर भाजपा ने दिल्ली में प्रदूषण और जाम घटाया. उन्होंने कहा, महंगाई हमेशा महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दा थी, लेकिन अब विपक्ष इस पर सरकार को नहीं घेर पाता है.