सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को राहत, लोकसभा चुनाव लड़ने से रोकने वाली याचिका खारिज

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नागरिकता के मुद्दे पर फैसला होने तक उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने से रोकने को लेकर केन्द्र और निर्वाचन आयोग को निर्देश देने के लिये दायर याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 9, 2019 9:07 PM

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नागरिकता के मुद्दे पर फैसला होने तक उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने से रोकने को लेकर केन्द्र और निर्वाचन आयोग को निर्देश देने के लिये दायर याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने याचिकाकर्ताओं की इस दलील को अस्वीकार कर दिया कि 2005-06 में ब्रिटेन की एक कंपनी के वार्षिक डाटा के साथ संलग्न फॉर्म में राहुल गांधी के ब्रिटिश नागरिक होने का कथित रूप से उल्लेख किया गया था.

पीठ ने कहा, यदि कोई कंपनी किसी फॉर्म में उनकी राष्ट्रीयता ब्रिटिश लिख दे, तो क्या इससे वह ब्रिटिश नागरिक हो जाते हैं. याचिका में कहा गया था कि भाजपा नेता सुब्रमणियन स्वामी द्वारा पत्र लिखे जाने के बावजूद राहुल गांधी द्वारा स्वेच्छा से ब्रिटिश नागरिकता लेने के फैसले पर केन्द्र और निर्वाचन आयोग की ‘निष्क्रियता’ से याचिकाकर्ता अंसतुष्ट हैं.

याचिकाकर्ताओं – जय भगवान गोयल और सी पी त्यागी की ओर से पेश हुए वकील ने पीठ से कहा कि राहुल गांधी दो लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं और प्रधानमंत्री बनने की आकांक्षा रखते हैं जबकि तथ्य यह है कि उन्होंने कथित तौर पर दोहरी नागरिकता रखी है. याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि चूंकि केंद्रीय गृह मंत्रालय और निर्वाचन आयोग के समक्ष इस संबंध में प्रथम दृष्ट्या साक्ष्य पेश किये गये हैं, इसलिए राहुल गांधी को संसदीय क्षेत्रों -अमेठी और वायनाड- से चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

पीठ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील से कहा, यदि 123 करोड़ लोग कहें कि इस व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनना चाहिए, तो क्या आपको कोई परेशानी होगी. सुनवाई की शुरुआत में पीठ ने वकील से कहा, आप (याचिकाकर्ता) कौन हैं ? जीवन यापन के लिए आप क्या करते हैं ? वकील ने जवाब दिया कि याचिकाकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता हैं और राजनीति में भी हैं. इस पर सीजेआई ने कहा, तो, आप सामाजिक कार्य की राजनीति में हैं.

इसके बाद पीठ ने वकील से पूछा कि फिर क्यों उन्होंने 2019 में इस न्यायालय का रूख किया, जबकि यह विषय एक कंपनी के 2005 – 06 के रिकार्ड से संबद्ध है. पीठ ने पूछा, यह 2005 – 06 में हुआ था. आपको इस बारे में कब पता चला? वकील ने जब कहा कि ये दस्तावेज 2015 में प्रकाश में आए, तब पीठ ने कहा, फिर भी आपने 2019 में इस अदालत का रूख किया.

पीठ ने अपने आदेश में कहा, याचिकाकर्ताओं के वकील को सुना और संबद्ध विषय वस्तु पर गौर किया. हम इस रिट याचिका को स्वीकार नहीं कर सकते हैं. याचिका खारिज की जाती है. याचिका में निर्वाचन आयोग को राहुल गांधी के ब्रिटिश नागरिकता हासिल करने के सवाल पर निर्णय होने तक उनका नाम मतदाता सूची से हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में राहुल गांधी को लिखे पत्र में कहा था कि उसे स्वामी से ज्ञापन मिला है जिसके अनुसार 2003 में ब्रिटेन में पंजीकृत बैकॅाप्स लि नाम की कंपनी के एक निदेशक के रूप में राहुल गांधी का नाम शामिल है. गृह मंत्रालय ने कहा था कि स्वामी के पत्र में इस बात का उल्लेख है कि ब्रिटिश कंपनी द्वारा 10 अक्टूबर, 2005 और 31 अक्टूबर, 2006 के वार्षिक रिटर्न में राहुल की जन्म तिथि 19 जून, 1970 लिखी है और उनकी राष्ट्रीयता ब्रिटिश घोषित की गयी है.

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