नयी दिल्ली : अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त तीन न्यायाधीशों की समिति गठित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीशों को पत्र लिखा था. यह बात मामले की जांच के लिए आंतरिक समिति के गठन से पहले की है.
वेणुगोपाल ने इस मुद्दे पर सरकार के साथ कथित मतभेद और इस्तीफा देने पर विचार करने जैसी खबरों पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि द वायर की खबर पूरी तरह से गलत है, सिवाय इसके कि मैंने एक पत्र लिखा था और स्पष्टीकरण दिया था. सर्वोच्च विधि अधिकारी ने कहा कि उन्होंने 22 अप्रैल को एक पत्र लिखा था.
यह बात सीजेआई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व कर्मचारी की ओर से यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए न्यायमूर्ति एसए बोबडे की अगुवाई में तीन सदस्यीय आंतरिक समिति के गठन से पहले की है. वेणुगोपाल ने कहा कि मैं स्वीकार करता हूं कि मैंने शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त तीन न्यायाधीशों की समिति गठित करने की मांग वाला पत्र आंतरिक समिति के गठन के पहले लिखा था.
उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने दूसरे पत्र में अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए लिखा था कि उन्होंने पहला पत्र बार के वरिष्ठ सदस्य की हैसियत से लिखा था, जिसके पास 65 वर्ष का अनुभव है.