सौ वर्षीय दुलीचंद कर रहे मतदान की अपील
रोहतक : उम्र की पिच पर एक शतक पूरा कर चुके दुलीचंद ने स्वतंत्र भारत में अब तक हुए हर चुनाव में मतदान में हिस्सा लिया है, लेकिन उन्हें इस बात का अफसोस है कि मतदान अब सत्ता हथियाने का जरिया बन गया है. इसके लिए राजनीतिक दल समाज में जहर घोलने से भी परहेज […]
रोहतक : उम्र की पिच पर एक शतक पूरा कर चुके दुलीचंद ने स्वतंत्र भारत में अब तक हुए हर चुनाव में मतदान में हिस्सा लिया है, लेकिन उन्हें इस बात का अफसोस है कि मतदान अब सत्ता हथियाने का जरिया बन गया है. इसके लिए राजनीतिक दल समाज में जहर घोलने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं.
हरियाणा में चुनावी राजनीति के चलते समाज को जाट और गैर जाट में विभाजित किये जाने को खतरनाक प्रवृत्ति करार देते हुए दुलीचंद कहते हैं, ये सब राजनीतिक दलों का करवाया हुआ है. इसके नतीजे बहुत खतरनाक होंगे. कहते हैं, किसी जमाने में चौधरी देवीलाल ने ‘बांटो और राज करो’ की यही नीति अपनायी थी.
उसके बाद जाट और गैर जाटों का जो भाईचारा बिगड़ा था, उसकी भरपाई करने में सालों लग गये थे. अब एक बार फिर उसी इतिहास को दोहरा रही है. मतदाताओं को यह बात समझनी चाहिए और देशहित में मतदान करना चाहिए. अपना मतदाता पहचान पत्र दिखाते हुए वह कहते हैं, इसमें मेरी उम्र सौ साल लिखी हुई है, लेकिन यह उम्र दो साल कम है. इस हिसाब से कहें, तो वह दिसंबर 2019 में 102 साल के हो जायेंगे.