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गुड़गांव में लालू के समधी कैप्टन अजय सिंह यादव की कठिन परीक्षा, भाजपा इस सीट पर मात्र एक बार जीती

गुड़गांव से विनय तिवारी अहीर राजनीति पर वर्चस्व स्थापित करने का सियासी मैदान हरियाणा की आर्थिक राजधानी और साइबर सिटी के नाम से मशहूर गुड़गांव में इस बार दिलचस्प मुकाबला है. यहां रविवार को वोट डाले जायेंगे. यहां यादव और मुस्लिम बहुल इलाके में जातीय समीकरण के साथ मोदी फैक्टर एक बड़ा मुद्दा बना हुआ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 12, 2019 7:01 AM
गुड़गांव से विनय तिवारी
अहीर राजनीति पर वर्चस्व स्थापित करने का सियासी मैदान
हरियाणा की आर्थिक राजधानी और साइबर सिटी के नाम से मशहूर गुड़गांव में इस बार दिलचस्प मुकाबला है. यहां रविवार को वोट डाले जायेंगे. यहां यादव और मुस्लिम बहुल इलाके में जातीय समीकरण के साथ मोदी फैक्टर एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है. भाजपा ने मौजूदा सांसद राव इंद्रजीत सिंह पर फिर भरोसा जताया है, तो कांग्रेस की ओर से कैप्टन अजय सिंह यादव मैदान में हैं. अहिरवाल इलाके में अपना दबदबा बनाये रखने के लिए भाजपा और कांग्रेस पूरा जोर लगाये हुए है.
दिल्ली से लगभग 100 किलोमीटर दूर मेवात जिले के सियासी समीकरण पूरी तरह से बदले हुए हैं. इसी जिले में गुड़गांव संसदीय क्षेत्र भी आता है. मेवात में कांग्रेस और इनेलो ही मजबूत रही है, लेकिन इनेलो व चौटाला परिवार में फूट का फायदा कांग्रेस को मिलने की बात लोग बता रहे हैं. लोगों का कहना है कि परिवार की आपसी खींचतान ने वोटरों के भरोसा काे भी तोड़ा है.
मुस्लिम-अहीर निर्णायक वोटर : इस संसदीय क्षेत्र में 21,50,668 मतदाता हैं, जिसमें अहिरों की संख्या छह लाख और मुस्लिमों की पांच लाख हैं.
इस बार राष्ट्रवाद है बड़ा चुनावी मुद्दा :
इस्माइल पहले तो चुनावी चर्चा करने से कतराते हैं, पर खुलने पर बताते हैं कि यहां मुकाबला अब भाजपा और कांग्रेस के ही बीच है. इनेलो की मजबूत उपस्थिति रही है, लेकिन सत्ता के लिए परिवार के लोग आपस में ही लड़ रहे हैं, जिससे विरोधी वोटर भ्रमित हैं. अहीर बहुल इस इलाके में भाजपा से अधिक चर्चा मोदी की है, क्योंकि इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में सैनिक रहते हैं. इसके कारण पुलवामा, बालाकोट, एयर स्ट्राइक जैसे मुद्दे अन्य मुद्दों पर हावी दिख रहे हैं. प्रभुदयाल यादव बताते हैं, एक खास जाति के लोग कांग्रेस, इनेलो या बसपा को समर्थन करने की बात कर रहे हैं, जबकि यहां कोई मुकाबला ही नहीं है. यह सीट मोदी के नाम पर कंफर्म है. भाजपा राष्ट्रवाद पर केंद्रित है.
इनेलो चुनाव को त्रिकोणीय बनाने में जुटा
इनेलो के वीरेंद्र राणा उद्योगपति हैं व बजघेरा गांव के रहने वाले हैं. इनेलो के कैडर वोट और अपने प्रभाव के कारण चुनाव को त्रिकोणीय बनाने में जुटे हैं, जबकि बसपा वलोक सुरक्षा पार्टी के संयुक्त उम्मीदवार रईस अहमद मैदान में हैं. रईस एससी और मुस्लिम वोटरों के समर्थन से जीत का दावा कर रहे हैं, लेकिन मुस्लिम वोटर काफी सतर्क दिख रहे हैं. अंतिम समय में भाजपा को हराने वाले प्रत्याशी को ही मुस्लिम वोटरों का एकमुश्त वोट मिलेगा.
कांग्रेस केंद्र व राज्य सरकारों की कमियां गिनती रही
कांग्रेस जातीय समीकरण के अलावा केंद्र और राज्य सरकार की कमियों को आधार बनाकर जीत की कोशिश में रही है. कांग्रेस प्रत्याशी कैप्टन अजय सिंह यादव राज्य सरकार में मंत्री रहे चुके हैं और उनकी रेवाड़ी में मजबूत पकड़ मानी जाती है.
कांग्रेस मुस्लिमों के अलावा अलावा जाट, अनुसूचित जाति वोटरों के जरिये अपनी जीत पक्की मान रही है. रेवाड़ी में कैप्टन अजय यादव की अच्छी पैठ है. साथ ही वह प्रवासी मतदाताओं को भी अपने पाले में करने की कोशिश कर रहे हैं. कैप्टन अजय सिंह यादव, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के समधी हैं. ऐसे में प्रवासी वोटरों को लुभाने के लिए लालू की बेटी जम कर प्रचार कर रही हैं, ताकि बिहारी मतदाताओं को रिझाया जा सके.
भाजपा के राव इंद्रजीत सिंह का है खासा प्रभाव
राव इंद्रजीत सिंह का इलाके में खुद का भी खासा प्रभाव है. राव इंद्रजीत सिंह इस इलाके में बड़े नेता माने जाते हैं. 68 साल के राव चार बार सांसद चुने गये हैं. 1998 और 2004 में महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से इन्होंने जीत हासिल की. इसके बाद 2009 और 2014 में गुड़गांव लोकसभा सीट से इन्हें जीत मिली.
2014 का परिणाम
राव इंद्रजीत सिंह भाजपा 6,44,78048.82%
जाकिर हुसैन इनेलो 3,70,05828.02%
राव धर्मेंद्र पाल कांग्रेस 1,33,71310.12%
योगेंद्र यादव आप 79,4526.02%
धर्मपाल बसपा 65,0094.92 %
नोटा 2,6570.20%
जीत का अंतर 2,74,72220.80%
तीन हिस्सों में बंटा है गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र
गुड़गांव तीन हिस्सों में बंटा है. मेवात की तीनों सीटें मेव (मुस्लिम) बाहुल्य क्षेत्र हैं, गुरुग्राम व बादशाहपुर में प्रवासी वोटर अधिक है.

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