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अंतिम चरण : आठ राज्यों की 59 लोकसभा सीटों पर चुनाव, दलों ने कसी कमर, छह राज्यों की 37 में से 34 सीटों पर था राजग का कब्जा
नयी दिल्ली से हिमांशु मिश्र अंतिम चरण की आठ राज्यों की 59 सीटों के लिए सभी दलों ने ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’ की तर्ज पर कमर कस ली है. भाजपा के सामने जहां पुराना प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है. वहीं, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के सामने भाजपा की ताकत घटा कर उसे सत्ता […]
नयी दिल्ली से हिमांशु मिश्र
अंतिम चरण की आठ राज्यों की 59 सीटों के लिए सभी दलों ने ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’ की तर्ज पर कमर कस ली है. भाजपा के सामने जहां पुराना प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है. वहीं, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के सामने भाजपा की ताकत घटा कर उसे सत्ता से दूर रखने की. बीते चुनाव की बात करें तो इनमें से प्रभाव वाले छह राज्यों की 37 में से 35 (जदयू की 1 सीट समेत) सीटें जीतकर राजग ने चुनावी बाजी अपने नाम की थी. जहां तक भाजपा का सवाल है तो उसकी चिंता यही प्रभाव वाले राज्य हैं.
बीते चुनाव में पार्टी की उप्र की सभी 13, हिमाचल प्रदेश की सभी 4, चंडीगढ़ की इकलौती, मध्यप्रदेश की सभी 8, झारखंड की 3 में से 1, बिहार की 8 में से 7 (जदयू की 1 सीट छोड़ कर) सीटों पर कब्जा जमाया था. राजग को पंजाब की 13 में से 5 (4 सहयोगी अकाली दल) की सीटें हाथ आयी थीं. जबकि पश्चिम बंगाल की सभी 13 सीटों पर टीएमसी ने कब्जा जमाया था.
किला बचाने में जुटेंगे मोदी
यूपी समेत प्रभाव वाले सभी राज्यों में पार्टी का किला बचाने खुद पीएम मोदी मैदान में होंगे. इस कड़ी में पीएम यूपी में अंतिम चरण के लिए 6 रैलियों के साथ अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी डेरा डालेंगे.
इसके अलावा पीएम मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और पंजाब पर भी अपना ध्यान केंद्रित करेंगे. खासतौर से पश्चिम बंगाल में भाजपा को अपनी सीटें बढ़ने का अनुमान है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि अंतिम चरण में पीएम की रैलियां इस हिसाब से कराई जाएंगी, जिससे सभी संसदीय क्षेत्र कवर हो जाएं.
अंतिम चरण का गणित
राज्य सीटें राजग कांग्रेस अन्य
यूपी 13 13 00 00
बिहार 08 07 00 01 (जदयू)
चंडीगढ़ 01 01 00 00
प. बंगाल 09 00 00 09 (टीएमसी)
पंजाब 13 05 04 04 (आप)
हिमाचल 04 04 00 00
मध्यप्रदेश 08 08 00 00
झारखंड 03 01 00 02 (झामुमो)
कुल 59 39 04 16
कांग्रेस की भी परीक्षा
कांग्रेस के सामने भाजपा का विजय रथ रोकने के लिए पूर्वी यूपी और अपने राज्य मध्यप्रदेश, पंजाब में बेहतर प्रदर्शन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. पार्टी का बीते चुनाव में यूपी और मध्यप्रदेश की इन सीटों पर खाता भी नहीं खुला था. हालांकि पंजाब में उसे 4 सीटें मिली थीं.पार्टी को स्वशासित राज्यों में बेहतर प्रदर्शन कर यह सिद्ध करना है कि विधानसभा में उसे मिली जीत महज संयोग नहीं था.
टीएमसी : करो या मरो की स्थिति
पश्चिम बंगाल की 9 लोकसभा सीटें सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए जीवन-मरण का सवाल है. 2014 के लोकसभा चुनाव में उसने ये सभी सभी सीटें जीती थीं. इस बार भारतीय जनता पार्टी उसे कड़ी टक्कर दे रही है. पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी पुराना प्रदर्शन दोहराती है, तो केंद्र की राजनीति में उनका रुतबा बढ़ेगा. विशेषज्ञों की राय है कि औसत या बुरे प्रदर्शन की कीमत राज्य के विधानसभा चुनाव में उन्हें चुकानी पड़ेगी.
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