भाजपा को प्रदर्शन दोहराने की चुनौती, हिमाचल प्रदेश की सभी चार लोकसभा सीटों पर 2014 में पहली बार मिली थी जीत

डॉ आरके नीरद सभी सीटों पर भाजपा कांग्रेस मेें सीधी टक्कर हिमाचल प्रदेश भाजपा के लिए इस बार सबसे अहम राज्य है, जहां लोस की कुल चार सीटें कांगड़ा, मंडी, शिमला (सु) और हमीरपुर हैं. 2014 में भाजपा ने पहली बार इन सभी सीटों को जीत लिया था. इससे पहले कांग्रेस ऐसा करती रही थी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 14, 2019 7:26 AM
डॉ आरके नीरद
सभी सीटों पर भाजपा कांग्रेस मेें सीधी टक्कर
हिमाचल प्रदेश भाजपा के लिए इस बार सबसे अहम राज्य है, जहां लोस की कुल चार सीटें कांगड़ा, मंडी, शिमला (सु) और हमीरपुर हैं. 2014 में भाजपा ने पहली बार इन सभी सीटों को जीत लिया था. इससे पहले कांग्रेस ऐसा करती रही थी. इस बार यहां मुकाबला काफी दिलचस्प होना तय है. मुख्य लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के ही बीच है. सत्तारूढ़ भाजपा के पास अपना पिछला प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है.
भाजपा ने इस राज्य में 1989 के चुनाव में खाता खोला, जब उसने चार में से तीन सीटें कांगड़ा, मंडी और हमीरपुर जीती थीं. हालांकि उसके ठीक बाद वाले 1991 के चुनाव में उसने मंडी सीट गंवा दी थी, मगर 1996 के चुनाव उसने वे दोनों सीटें भी कांग्रेस ने छीन ली थीं और सभी चार सीटों पर कब्जा कर लिया था. भाजपा ने 1998 के चुनाव में उन तीनों सीटों को फिर जीता और 1999 के चुनाव में उन पर जीत कायम रखी.
2004 में फिर झटका लगा और कांगड़ा और मंडी सीटें उसकी झोली से निकल गयीं, केवल एक सीट हमीरपुर बची. दरअसल, हिप्र में यही एक लोस सीट है, जहां 1996 को छोड़ दें, तो जब से भाजपा ने इस राज्य में खाता खोला, तब से यह उसके पाले में जाती रही है.
2009 के चुनाव में भाजपा ने अपनी पुरानी उपलब्धि दोहरायी. हालांकि मंडी सीट कांग्रेस ने दूसरी बार उससे छीनी, पर भाजपा को पहली बार शिमला सुरक्षित सीट जीतने का मौका मिला. 2014 में भाजपा ने मंडी सीट भी जीत ली और राज्य की सभी चार लोस सीटें उसके खाते में चली गयीं. हिमाचल में भाजपा का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था.
कांगड़ा
1984 से 2014 तक मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रहा है. पिछले आठ आम चुनावों में यहां जीत-हार का फैसला इन्हीं दोनों के बीच रहा. पांच बार भाजपा ने इस सीट से दर्ज की और हर बार कांग्रेस को हराया. वहीं, कांग्रेस पिछले आठ चुनावों में तीन बार भाजपा को हरा कर जीती. भाजपा ने 1991, 1989 और 1999 का लगातार तीन चुनाव जीत कर इस सीट पर जीत का हैट्रिक भी बनाया. 2009 और 2014 में भी यहां भाजपा ही जीती. अगर इस बार भी वह जीतती है, तो इस सीट पर उसका दूसरा हैट्रिक होगा.
कब कौन जीता
कांग्रेस : 1967, 1971, 1980, 1984, 1996, 1996, 2004
भाजपा : 1991, 1989, 1999, 2009, 2014
बीएलडी : 1977
2019 के उम्मीदवार
किशन कपूर, बीजेपी
पवन काजल, कांग्रेस
2014 का परिणाम
शांता कुमार, भाजपा 4,56,163 (57.05%)
चंद्र कुमार, कांग्रेस 2,86,091 (35.79%)
डॉ रंजन सुशांत, आप 24,430 (3.06%)
नोटा 8,704 (1.09%)
जीत का अंतर 1,70,072 (21.2%)
मंडी
1989 से भाजपा और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला रहा है. भाजपा इस सीट पर चार बार जीती है, जबकि 1952 से 2014 के बीच सीट पर हुए 16 आम और उप चुनावों में कांग्रेस को 13 बार जीत मिली. एक बार 1977 में इस सीट पर इंदिरा विरोधी लहर में भारतीय लोकदल का उम्मीदवार जीता. भाजपा को इस सीट पर अब तक हैट्रिक बनाने का मौका नहीं मिला. कांग्रेस ने यहां पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम के पोते आश्रय शर्मा को टिकट दिया है. वहीं, भाजपा ने रामस्वरूप शर्मा को मैदान में उतारा है.
कब कौन जीता
कांग्रेस : 1952, 1952 उपचुनाव, 1957, 1962, 1967, 1971, 1980, 1984, 1991, 1996, 2004, 2009, 2013 उपचुनाव
भाजपा : 1989, 1998, 1999, 2014 बीएलडी : 1977
2019 के उम्मीदवार
रामस्वरूप शर्मा, भाजपा
आश्रय शर्मा, कांग्रेस
2014 का परिणाम
राम स्वरूप शर्मा, भाजपा 3,62,824 (49.94%)
प्रतिभा सिंह, कांग्रेस 3,22,968 (44.46%)
कुशल भारद्वाज, सीपीआइएम 13,965 (1.92%)
नोटा 6,191 (0.85%)
जीत का अंतर 39,856 (5.48%)
शिमला
1967 में शिमला लोकसभा सीट स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में आयी. तब से 2014 तक यहां 13 बार चुनाव हुए हैं, जिनमें से नौ बार कांग्रेस जीती है.
1977 में यहां भारतीय लोकदल और 1999 में हिमाचल विकास कांग्रेस इस सीट से जीती. इन दो चुनावों को छोड़ दें, तो 1967 से कांग्रेस ही इस सीट से जीतती रही. भाजपा ने उसकी जीत के चक्र को 2009 में रोका और 2014 में अपनी जीत दोहरायी. इस बार भाजपा ने यहां सुरेश कश्यप और कांग्रेस ने कर्नल धनीराम शांडिल्य को मैदान में उतारा है.
कब कौन जीता
कांग्रेस : 1967, 1971, 1981, 1984, 1989, 1991, 1996, 1998, 2004
भाजपा : 2009, 2014 बीएलडी : 1977 हिमाचल विकास मंच : 1999
2019 के उम्मीदवार
सुरेश कश्यप, भाजपा
कै धनीराम, कांग्रेस
2014 का परिणाम
वीरेंद्र कश्यप, भाजपा 3,85,973 (52.30%)
मोहल लाल ब्राक्ते, कांग्रेस 3,01,786 (40.89%)
जगत राम, सीपीएम 11,434 (1.55%)
नोटा 7,787 (1.06%)
जीत का अंतर 84,187 (11.41 %)
हमीरपुर
1967 से इस सीट पर 15 बार आम व उप चुनाव हुए हैं. इनमें से पांच बार कांग्रेस, नौ बार भाजपा और एक बार 1977 में भालोदल का प्रत्याशी यहां से जीता.
भाजपा ने पहली बार इस सीट पर 1989 में जीत दर्ज की और 1996 को छोड़ कर तब से वह सीट पर लगातार फतह करती आयी है. 2007 और 2008 में हुए उप चुनावों में भी उसने जीत का सिलसिला जारी रखा. इस बार भाजपा ने अपने निवर्तमान सांसद अनुराग सिंह ठाकुर को और कांग्रेस ने राम लाल ठाकुर को मैदान में उतारा है. अनुराग 2008 के उप चुनाव से यहां जीतते रहे हैं.
कब कौन जीता
भाजपा : 1989, 1991, 1998, 1999, 2004, 2007, 2008, 2009, 2014
कांग्रेस : 1967, 1971, 1980, 1984, 1996 जनता पार्टी : 1977
2019 के उम्मीदवार
अनुराग सिंह ठाकु,भाजपा
राम लाल ठाकुर, कांग्रेस
2014 का परिणाम
अनुराग सिंह ठाकुर, भाजपा 4,48,035 (53.61%)
राजेंद्र सिंह राणा, कांग्रेस 3,49,632 (41.83%)
कमलकांत बत्रा, आप 15,329 (1.83%)
नोटा 6,473 (0.77%)
जीत का अंतर 98,403 (11.78%)

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