केरल में चार जून को दस्तक दे सकता है माॅनसून, देशभर में कम बारिश की संभावना
नयी दिल्ली : मौसम की भविष्यवाणी करने वाली निजी कंपनी स्काईमेट ने मंगलवार को कहा कि केरल में चार जून को माॅनसून दस्तक दे सकता है, जो देश में बारिश के मौसम की आधिकारिक शुरुआत होगी. केरल में सामान्यत: माॅनसून शुरू होने की तारीख एक जून है. स्काईमेट ने कहा कि देशभर में माॅनसून सामान्य […]
नयी दिल्ली : मौसम की भविष्यवाणी करने वाली निजी कंपनी स्काईमेट ने मंगलवार को कहा कि केरल में चार जून को माॅनसून दस्तक दे सकता है, जो देश में बारिश के मौसम की आधिकारिक शुरुआत होगी. केरल में सामान्यत: माॅनसून शुरू होने की तारीख एक जून है.
स्काईमेट ने कहा कि देशभर में माॅनसून सामान्य से कम रहेगा. स्काईमेट के सीईओ जतिन सिंह ने कहा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में माॅनसून 22 मई को पहुंचेगा. दक्षिण पश्चिम माॅनसून 2019 केरल में चार जून को दस्तक दे सकता है. उन्होंने कहा, इस मौसम में सभी चार क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश होने जा रही है. पूर्व और पूर्वोत्तर भारत तथा मध्य हिस्से बारिश के मामले में उत्तर पश्चिम भारत और दक्षिणी प्रायद्वीप से खराब स्थिति में रहेंगे. माॅनसून की शुरुआत चार जून के आसपास होगी. ऐसा लगता है कि भारतीय प्रायद्वीप में माॅनसून का शुरुआती चरण धीमा होने जा रहा है. स्काईमेट के अनुसार, बारिश के सामान्य से कम होने की उम्मीद 55 प्रतिशत है जिसका अल नीनो पर प्रभाव पड़ेगा.
इसके अनुसार, सभी उत्तर भारत राज्यों वाले उत्तर पश्चिम भारत में लॉन्ग पीरियड एवरेज (एलपीए) की 96 प्रतिशत बारिश होगी जो कि सामान्य और सामान्य से कम बारिश की श्रेणी में आता है. स्काईमेट ने कहा कि पहाड़ी राज्यों जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मैदानी राज्यों पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली-एनसीआर के मुकाबले ज्यादा बारिश होने की संभावना है. उसने कहा कि मध्य भारत में एलपीए के 91 फीसदी तक बारिश होने की संभावना है. विदर्भ, मराठावाड़ा, पश्चिम मध्य प्रदेश और गुजरात में बारिश सामान्य से बहुत कम रहेगी. इससे स्थिति और बिगड़ सकती है क्योंकि मराठावाड़ा और गुजरात के कई हिस्से सूखे जैसे हालात से जूझ रहे हैं. स्काईमेट ने कहा, कर्नाटक के उत्तरी अंदरुनी हिस्से और रायलसीमा में खराब बारिश हो सकती है. केरल और तटीय कर्नाटक में बेहतर बारिश होने का अनुमान है.