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पाकिस्तान को मिलेगा करारा जवाब, बॉर्डर पर एयर डिफेंस यूनिट तैनात करेगी भारतीय सेना

नयी दिल्लीः पाकिस्तान के साथ हालिया तनातनी की गहन आंतरिक समीक्षा के बाद भारतीय सेना ने दुश्मन के हवाई हमलों को नाकाम करने के लिए अपने सभी एयर डिफेंस यूनिट्स को पाकिस्तान की सीमा के निकट स्थित स्थानों पर ले जाने का फैसला किया है. सेना के शीर्ष सूत्रों ने बताया है कि कुछ एयर […]

नयी दिल्लीः पाकिस्तान के साथ हालिया तनातनी की गहन आंतरिक समीक्षा के बाद भारतीय सेना ने दुश्मन के हवाई हमलों को नाकाम करने के लिए अपने सभी एयर डिफेंस यूनिट्स को पाकिस्तान की सीमा के निकट स्थित स्थानों पर ले जाने का फैसला किया है. सेना के शीर्ष सूत्रों ने बताया है कि कुछ एयर डिफेंस सिस्टम के साथ कई सैन्य टुकड़ियों को भी सीमा के करीब भेजा जा रहा है. बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के कुछ विमान इस ओर घुस आए थे, ऐसे में ये उसी का जवाब माना जा रहा है. बता दें कि पाकिस्तान सेना के अंदर भारत का डर इस कदर हावी है कि बालाकोट हमले के दो महीने से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बाद भी उसने अपनी सीमा के नजदीक भारी संख्या में सेना की टुकड़ियों को तैनात कर रखा है.
बॉर्डर के समीप सामरिक रूप से महत्वपूर्ण शकरगढ़ सेक्टर में करीब 300 टैंक अभी भी तैनात हैं. बॉर्डर पर जहां तक एयर डिफेंस यूनिट की तैनाती की बात है तो ये जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गुजरात और राजस्थान में पाकिस्‍तान से लगती भारतीय सीमा पर तैनात किए जाएंगे. एयर डिफेंस सिस्‍टम की बात करें तो यह सिस्‍टम किसी भी तरह के हवाई हमले से रक्षा के लिए लगाया जाता है. इसके तहत दो चीजें बेहद खास होती हैं. इनमें पहला राडार और दूसरा मिसाइल.
भारतीय सेना के इस एयर डिफेंस यूनिट्स में स्वदेश में निर्मित वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली ‘आकाश’ के साथ रूस में निर्मित क्वादार्ट (Kvadrat) मिसाइल और अन्य पुरानी प्रणालियां शामिल हैं. इसके साथ ही सेना ने डीआरडी-इजरायल के संयुक्त प्रयास से बनाई जा रही आधुनिक एमआर-एसएएम (MR-SAM) रक्षा प्रणाली प्राप्त की भी जल्द तैनाती करने की योजना बनायी है. उ्म्मीद की जा रही है कि यह रक्षा प्रणाली जल्द ही भारत को मिल जाएगी.
समीक्षा के बाद फैसला
जानकारी के मुताबिक, चार राज्यों की एयर डिफेंस यूनिट की सीमा पर तैनाती का फैसला इंडियन आर्मी इंटरनल रिव्यू मीटिंग में लिया गया. यह रिव्यू मीटिंग भारत की एयरफोर्स द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट पर आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के टेरर कैंप को ध्वस्त करने की कार्रवायी के बाद बुलाई गई थी. आर्मी के एक आला अफसर ने बताया कि एयर डिफेंस यूनिट की सीमा के नजदीक तैनाती से किसी भी आक्रमण से न सिर्फ प्रभावी ढंग से निपटा जा सकेगा, बल्कि उसे उसी इलाके तक सीमित भी किया जा सकेगा.
ऐसे करेगा काम
पाकिस्‍तान से आने वाली किसी भी मिसाइल को पकड़ने में राडार की भूमिका सबसे अहम होती है. इसको इस तरह से भी समझा जा सकता है कि यदि पाकिस्‍तान की तरफ से कोई मिसाइल भारत में हमला करने के मकसद से छोड़ी जाती है तो यह रडार इसकी गति और इसकी दूरी का सही आंकलन करके इसकी जानकारी दूसरी यूनिट को भेज देते हैं. दूसरी यूनिट से दुश्‍मन की मिसाइल को नष्‍ट करने के लिए मिसाइल दागी जाती है. यह डिफेंस यूनिट न सिर्फ मिसाइल हमले से देश की सीमाओं की रक्षा करने में सहायक होती हैं बल्कि किसी भी तरह के हवाई हमले को रोकने में सक्षम होती हैं.

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