गुजरात पलायन कर गये लोगों को वोट देने के लिए लायेगा प्रशासन
झाबुआ : मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल झाबुआ जिले से रोजी रोटी के लिए मजदूरी करने गुजरात के कई शहरों में पलायन करने वाले ग्रामीणों को मतदान के लिए अपने-अपने गांवों के मतदान केंद्रों पर लाने के लिये जिला प्रशासन ने विभिन्न शहरों के लिए अपने दलों को रवाना किया है. कलेक्टर प्रबल सिपाहा ने […]
झाबुआ : मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल झाबुआ जिले से रोजी रोटी के लिए मजदूरी करने गुजरात के कई शहरों में पलायन करने वाले ग्रामीणों को मतदान के लिए अपने-अपने गांवों के मतदान केंद्रों पर लाने के लिये जिला प्रशासन ने विभिन्न शहरों के लिए अपने दलों को रवाना किया है. कलेक्टर प्रबल सिपाहा ने बताया कि स्वीप कार्यक्रम के तहत जिले से बाहर मजदूरी करने गये मजदूरों को 19 मई को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान करने अपने विधानसभा क्षेत्र के बूथ पर आने के लिए प्रेरित करने के वास्ते 16 मई को प्रशासन के दलों को रवाना किया गया है.
उन्होंने बताया कि ये दल मजदूरों के काम करने वाले संस्थान के मालिकों से झाबुआ जिले के मजदूरों को सवैतनिक अवकाश दिये जाने के विषय में चर्चा करेंगे. मजदूरों से संपर्क कर उन्हें 19 मई को अपने बूथ पर वोट डालने आने के लिए आमंत्रित किया जायेगा.
प्रशासन का प्रयास, हो पूरा मतदान: प्रशासन का पूरा प्रयास है कि गुजरात में रह रहे ग्रामीण महिला पुरुष मतदाता परिवार सहित यहां आये और अपने मताधिकार का प्रयोग करें ताकि जिले में अधिक से अधिक मतदान हो सके. कलेक्टर सिपाहा ने बताया कि गुजरात के विभिन्न शहरों में जिले के कई गांवों और फलियों (छोटे गांव) से मजदूरी करने गये मजदूरों की संख्या हजारों में है.
38,000 मजदूर कर चुके हैं जिले से पलायन
प्रशासन के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार कुल 38,000 मजदूर जिले से पलायन कर विभिन्न शहरों में रह रहें हैं. प्रशासन के दल इनसे संपर्क कर 19 मई के मतदान के लिए इन्हें अपने गृह स्थान पर आने के लिये समझायेंगे.