लोकसभा चुनाव : यूपी-बंगाल-ओड़िशा में केंद्रित रहीं नरेंद्र मोदी की रैलियां
नयी दिल्ली : पिछले लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने के बाद ताबड़तोड़ रैलियों से भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने वाले पीएम नरेंद्र मोदी ने इस बार मुख्य रूप से तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और ओड़िशा पर अपना ध्यान विशेष रूप से केंद्रित किया. शुक्रवार तक पीएम की 145 […]
नयी दिल्ली : पिछले लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने के बाद ताबड़तोड़ रैलियों से भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने वाले पीएम नरेंद्र मोदी ने इस बार मुख्य रूप से तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और ओड़िशा पर अपना ध्यान विशेष रूप से केंद्रित किया.
शुक्रवार तक पीएम की 145 जनसभाओं में से 62 जनसभाएं इन्हीं तीनों राज्यों में हुईं. पिछले चुनाव से पहले पीएम पद का उम्मीदवार बनने वाले मोदी ने तब 15 सितंबर 2013 से 10 मई 2014 तक 437 रैलियों को संबोधित किया था. इस बार पीएम ने जनवरी महीने से शुक्रवार तक 245 रैलियां, दो रोड शो और एक ट्रेडर्स सम्मेलन को संबोधित किया.
पिछली बार की थीं 437 रैलियां
पिछले लोकसभा चुनाव में चुनाव प्रचार खत्म होने तक पीएम ने 437 रैलियों के जरिये पार्टी की प्रभाव वाली सभी सीटों पर लोगों को संबोधित किया था. उनकी रैली सितंबर 2013 को हरियाणा के रेवाड़ी से शुरू होकर 10 मई 2014 को बलिया में खत्म हुई थी. तब यूपी में उन्होंने 79 रैलियां की थीं. इसके अलावा चाय पर चर्चा, थ्री डी रैलियां जैसे मोदी केंद्रित 5827 कार्यक्रम हुए थे और इस दौरान पीएम ने तीन लाख किलोमीटर की यात्रा की थी.
तीन राज्य ही केंद्रित क्यों
उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और ओड़िशा की 143 सीटें पार्टी के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. यूपी में जहां बेहतर प्रदर्शन के बिना दिल्ली का द्वार नहीं खुलेगा. वहीं पश्चिम बंगाल और ओड़िशा की कुल 63 सीटों में से पार्टी के पास महज 3 सीटें हैं. यही कारण है कि पीएम ने यूपी में 37, पश्चिम बंगाल में 18 और ओड़िशा में 8 रैलियों को संबोधित किया.
जनवरी में ही संभाल लिया प्रचार का मोर्चा
दिसंबर में पांच राज्यों के नतीजे आने और इसमें तीन स्वशासित राज्य गंवाने के बाद से ही प्रधानमंत्री ने प्रचार की कमान संभाली थी. जनवरी महीने से 10 मार्च को अधिसूचना जारी होने तक पीएम ने 100 रैलियां की थीं. पार्टी ने प्रचार खत्म होने तक 250 रैलियां कराने की रूपरेखा तभी तैयार कर ली थी.
वाराणसी में इस बार डेरा डालने की उम्मीद कम
पिछले चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी ने वाराणसी में चुनाव प्रचार के अंत में डेरा डाला था. इस बार ऐसा होने की उम्मीद कम है. पार्टी यहां जीत के प्रति पूर्ण आत्मविश्वास की धारणा बनाना चाहती है.